अपने आप में संपूर्ण वास्तु हैं गणेश जी

Tuesday, Sep 29, 2020 - 09:47 AM (IST)

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भगवान गणेश न केवल विघ्ननाशक और बुद्धि प्रदाता हैं बल्कि अपने आप में संपूर्ण वास्तु भी हैं। वास्तु दोष निवारण में गणेश जी का बहुत महत्व है। ऐसी मान्यता है कि देवाधिदेव श्री गणेश जी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करके हम अपने घर के वास्तु दोषों को दूर करके सुखी व खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकते हैं। यही नहीं, गणेश जी की स्थापना व पूजा-पाठ से नौ ग्रहों का दोष भी दूर हो जाता है। हमारे शास्त्रों में भी इस बात का उल्लेख है कि गणपति सभी देवताओं में अग्रणी हैं और देवताओं के मूल प्रेरक भी हैं।


वैसे भी गणेश शब्द का अर्थ है- गणों के स्वामी। ऐसा माना जाता है कि हमारे शरीर में पांच ज्ञानेंद्रियां, पांच कर्म इंद्रियां तथा चार अंतःकरण हैं और इन्हीं 14 शक्तियों को 14 देवता की संज्ञा भी दी जाती है।  ज्योतिष और वास्तु के अनुसार गणेश जी की अलग-अलग प्रतिमाएं, घर के विभिन्न स्थानों पर लगाकर वास्तु दोष का नाश कर सकते हैं।



घर के मुख्य द्वार, पूजा स्थान, रसोई घर और कार्यस्थल के वास्तु दोष गणेश जी की मूर्ति से अपने आप दूर हो जाते हैं।

बच्चों के पढ़ने की मेज या बच्चों के कमरे में पीले या हल्के रंग की गणेश जी की मूर्ति लगाने से बच्चों की पढ़ाई में एकाग्रता बनती है।

पूजा स्थान पर पीले रंग के गणेश जी की प्रतिमा लगानी चाहिए और हर रोज सुबह पूजा में उन्हें दूब अर्पित करना चाहिए।


गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर को कभी ऐसे न रखें, जिसमें वह घर के बाहर देख रहे हों। उनका मुख हमेशा उस दिशा में होना चाहिए, जिससे वह घर की ओर देखते नजर आएं।

गणेश जी को विराजमान करने के लिए ब्रह्मस्थान, पूर्व दिशा और उत्तर पूर्व  कोण शुभ माना गया है लेकिन भूल कर भी हमें अपने शयनकक्ष में गणेश जी की प्रतिमा नहीं रखनी चाहिए।

सर्व मंगल की कामना करने वालों के लिए सिंदूरी रंग के गणपति की आराधना अनुकूल रहती है।


ऐसी मान्यता भी है कि सुख , शांति व समृद्धि की चाहत रखने वालों के लिए सफेद रंग के विनायक की मूर्ति या चित्र लगाना चाहिए।

वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर घर में किसी कारणवश गणेश जी की मूर्ति खंडित हो जाए तो उसे नदी में प्रवाहित करके उस जगह नई मूर्ति स्थापित करनी चाहिए।

इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि गणेश जी की वही प्रतिमा घर में स्थापित करें, जिसमें उनकी सूंड बाएं तरफ हो।

गुरमीत बेदी
gurmitbedi@gmail.com

Niyati Bhandari

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