Mood बनाने के लिए बिना तोड़-फोड़ ठीक करें वास्तु

Wednesday, Dec 11, 2019 - 07:31 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

फेंगशुई का इतिहास लगभग 4000 वर्ष पहले का है, नि:संदेह वैज्ञानिक होते हुए भी पांच तत्वों के निश्चित समीकरण से हमारे अंदर पर्याप्त ऊर्जा-शक्ति का संचार बना रहता है। इसके बिगडऩे से हम असंतुलित हो जाते हैं। परिणामस्वरूप हमारी मनोस्थिति, विचारधारा, दृष्टिकोण में बदलाव आ जाता है, हम समस्याओं से घिर जाते हैं। जैसे ही कोई वास्तु विशेषज्ञ अथवा फेंगशुई जानकार हमारे निवास में इन तत्वों में आवश्यक संशोधन करवा देता है हम इस प्रकार का सुखद अनुभव करते हैं जैसे बिजली चले जाने पर कोई खिड़कियां-रोशनदान खुलवा कर हमें राहत दे दे। यहां पेश हैं कुछ सुझाव ज्योतिष एवं फेंगशुई के आधार पर जिसका पालन करने से हम बिना किसी तोड़-फोड़ के अपने हैप्पी मूड एवं एकाग्रता को प्राप्त कर अच्छे तरीके से जीवन यापन कर सकते हैं।

वृष, मिथुन, सिंह, मकर राशि वाले यदि किसी शहर के केंद्र भाग में निवास करेंगे, वृश्चिक राशि वाले पूर्व दिशा में, मीन राशि के स्वामी अग्रि कोण में, कन्या राशि दक्षिण में, कर्क नैऋत्य में, धनु पश्चिम में, तुला वायव्य में, मेष उत्तर दिशा में तथा कुंभ ईशान उपदिशा में निवास स्थल रखने पर सदैव चिंतित तथा किसी न किसी रोग के शिकार रहेंगे।

घर के मुख्य द्वार के आगे किसी तरह की कोई रुकावट बिजली, टैलीफोन का खंभा, पिल्लर, यहां तक कि पूर्व दिशा में रहने वाले के घर के आगे यदि वृक्ष होगा तो वह परिवार के लिए शुभ नहीं होगा। घर में लक्ष्मी वृद्धि नहीं हो पाएगी। पूर्व दिशा में रहने वालों का मुख्य द्वार भी नैऋत्य दिशा में (पूर्व-उत्तरीय) शुभ रहेगा।

घर के किसी भी मुख्य कमरे का द्वार किसी शौचालय के द्वार के सामने नहीं होना चाहिए। बाथरूम की प्रदूषित वायु आपको बीमार करेगी। दोनों द्वारों के बीच कोई रुकावट बना लें (पर्दा काम नहीं करेगा) स्वस्थ रहेंगे।

पश्चिम मुखी निवास स्थानों के मुख्यद्वार के आगे भी कोई रुकावट अथवा गहरे नीले रंग की चिक से अवरोध खड़ा करने पर पश्चिममुखी प्रभाव से राहत मिलती है।

प्रवेश द्वार के सामने प्रवेश करते समय मुंह देखने वाला शीशा उन्नति में रुकावट पैदा करता है।

घर में एक ही सीध में तीन द्वार शुभ नहीं होते।

सौभाग्य, सौहार्द, संगठन बनाए रखने के लिए भोजन कक्ष में डाइनिंग टेबल के साथ लगती दीवार पर शीशा लगाने से शुभत्व में वृद्धि होगी।

आपके बैडरूम में, बैड कमरे के द्वार की तरफ न हो। द्वार की तरफ पैर करके सोना अशुभ होता है। मुंह देखने वाले शीशे को ढक कर रखें। दो सुन्दर पक्षियों के जोड़े का डैकोरेटिव पीस अथवा पेंटिंग पति-पत्नी में प्रेम बढ़ाते हैं।

अपने घर के दक्षिण-पश्चिम में झूमर जिसमें एक ही तरह के बल्ब लगे हों, जिनका प्रकाश नीचे भी आए एवं छत पर भी जाए, भाग्य में वृद्धिकारक होता है।

किसी अतिथि एवं निकटतम व्यक्ति की तरफ तर्जनी उंगली करके संबोधन अथवा बात करने से संबंध बिगड़ते हैंं। इसी तरह चाय सेवा करते समय केतली की भाप निकलने वाला कोण भी अतिथि की तरफ मत करें।

अपने कार्यालय में अथवा किसी के आफिस में बैठते समय मेज के कोने में बैठकर बातचीत न करें, निराशा होगी।

सदैव पश्चिम-दक्षिण दिशा में फर्श बनाते समय ऊंचा रखें। पानी का बहाव पूर्व की ओर लक्ष्मी वृद्धि कारक होता है।

किसी भी कार्यालय हाल में कभी भी किसी बीम के नीचे मत बैठें। बीम की ऋणात्मक तरंगें आपको परेशान किए रखेंगी। आप उचित निर्णय नहीं ले पाएंगे। 

अपने निवास, कार्यालय में बांस का पौधा अवश्य लगाएं।

घर के मुख्य द्वार के बाहर स्वास्तिक (पीतल का) लगाएं, सदैव शुभता बनी रहेगी।


 

Niyati Bhandari

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