केजरीवाल ने शुभ लग्र में ली सी.एम. पद की शपथ
Monday, Feb 17, 2020 - 09:04 AM (IST)
जालन्धर (नरेश): दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा रविवार सुबह शपथ ग्रहण के लिए चुना गया समय ज्योतिष के लिहाज से शुुभ है और उनकी शपथ शुभ लग्न में हुई है। अरविंद केजरीवाल ने रविवार दोपहर 12.15 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। जिस समय केजरीवाल शपथ ले रहे थे उस समय वृष राशि उदित हो रही थी और शपथ ग्रहण कुंडली वृष राशि की ही बनी थी। कुंडली में लग्र का स्वामी शुक्र उच्च राशि में 11वें भाव में विराजमान था और यह ज्योतिष के लिहाज से काफी शुभ स्थिति थी। वृष लग्र स्थिर लग्र माना जाता है। शपथ ग्रहण कुंडली की सबसे बड़ी खूबी यह है कि लग्र के स्थिर होने के साथ-साथ चंद्रमा (वृश्चिक में) और सूर्य (कुंभ में) भी स्थिर राशि में हैं।
केजरीवाल की शपथ शनि के नक्षत्र अनुराधा में हुई थी और शनि शपथ ग्रहण कुंडली में एक केंद्र व एक त्रिकोण का मालिक होकर योगाकारक ग्रह की भूमिका निभा रहा था। कुंडली में सूर्य और बुध 10वें भाव में विराजमान हैं और कर्म भाव में बुध आदित्य राजयोग का निर्माण कर रहे हैं।
सूर्य 10वें भाव में पूरी तरह मजबूत होता है और 7वीं दृष्टि से अपने ही चौथे भाव को देख रहा है। राजनीति में चौथा भाव जनता का भाव होता है और भाव स्वामी की अपने भाव पर दृष्टि भी ज्योतिष के लिहाज से काफी शुभ है।
हालांकि कुंडली में गुरु और मंगल का 9वें भाव में केतू के साथ चले जाना बहुत ज्यादा अच्छा नहीं है लेकिन इसके बावजूद शपथ ग्रहण कुंडली के अन्य ग्रह कुंडली को मजबूती दे रहे हैं।
केजरीवाल की कुंडली भी शनि योगाकारक
15 व 16 अगस्त की मध्यरात्रि 1968 को सिवान (हरियाणा) में पैदा हुए अरविंद केजरीवाल की जन्म कुंडली भी वृष लग्र की है और शनि इनकी कुंडली में योगाकारक ग्रह की भूमिका में है। केजरीवाल का जन्म भी शुक्र के भरणी नक्षत्र में हुआ है और शपथ ग्रहण के लिए बनी कुंडली में लग्र के मालिक भी शुक्र हैं। केजरीवाल की कुंडली में चौथे भाव में बुध व शुक्र केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण कर रहे हैं और केजरीवाल इस समय गुरु की महादशा के मध्य शुक्र की अंतर्दशा से गुजर रहे हैं। राजयोग कारक ग्रहों की महादशा व अंतर्दशा के चलते ही अरविंद केजरीवाल को दिल्ली में दोबारा सत्ता हासिल हुई है।