पशु-पक्षियों से भी मिलते हैं भविष्य के संकेत

Thursday, Jun 20, 2019 - 01:18 PM (IST)

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प्राचीन विद्वानों ने पशु-पक्षियों द्वारा भविष्य ज्ञान की ओर संकेत दिया है। पशु-पक्षियों का समय विशेष पर दिखाई देना तथा वाणी द्वारा भविष्य का संकेत करना भी शत-प्रतिशत सही देखा गया है। आज भी यह ज्ञान ग्रहण किया जाता है। यदि इस ज्ञान में कोई तथ्य न होता तो किसी विशेष काल तक ही यह यूज होता। पुराविदों ने कुछ पशु-पक्षियों को अनिष्ट फल का कारक माना है तथा कुछ को शुभ संदेश का। 

प्रात:काल की बेला में कौआ दिख जाने पर दिन-भर परेशानी का द्योतक है तथा किसी विशिष्ट दिशा की ओर संकेत शब्द ध्वनि करना उस दिशा से भावी घटना होने की सूचना देता है। कौवे का स्पर्श भी अनिष्ट फलकारक होता है। पशु-पक्षी इसके लिए दोषी नहीं कहला सकते, उनके संस्कार और उनका जीवन ही ऐसा है जैसे कौओं का भोजन पदार्थ मृत जीवों से तथा जीवित पशुओं से होता है। 

ठीक उसी प्रकार ‘कुत्ता’ एक वफादार पशु माना जाता है। अनेक घरों में उसका निवास होता ही है, किन्तु वह कभी भावी सूचना के लिए किसी समय विशेष पर विशेष वाणी का प्रयोग करता है, कान फडफ़ड़ाने लग जाता है। कुत्ता इस प्रकार के शब्द व हाव-भाव तभी प्रकट करता है, जब घटना शीघ्र ही होने वाली हो। शीघ्र घटना की सूचना या भावी संदेश इसके द्वारा मिलते हैं।

बिल्ली की छठी इंद्रिय बहुत सक्रिय होती है। उसे पहले ही आभास हो जाता है कि क्या अशुभ घटना होने वाली है इसीलिए जब भी आप कहीं बाहर जा रहे हों और अचानक कोई बिल्ली आपका रास्ता काट दे या रोने लगे अथवा दो बिल्लियां आपस में लडऩे लगें तो यह एक अशुभ संकेत है, ज्यादातर काली बिल्ली बाईं तरफ से रास्ता काटे तो अशुभ होता है इसलिए जब भी ऐसा हो आप वह कार्य कुछ समय के लिए टाल दें।

कुछ पशु-पक्षियों का दिखाई देना शुभ संदेश या सुखद भविष्य सूचना देते हैं। ऐसे ही प्रात:काल घर से बाहर निकलते समय गाय का दिखाई देना शुभ व सफलता की सूचना देता है। पक्षियों में तोते, कबूतर, हंस और मोर का दिखाई देना शुभ माना जाता है। पशुओं में गाय, हिरण, खरगोश के अतिरिक्त जिनके देखने मात्र से सुखद वातावरण निर्मित हो, वे सभी पशु तात्कालिक लाभ व सफलता के सूचक हैं परंतु शेर, भैंसे या बैल के दिखाई देने से परेशानी, अकस्मात दुर्घटना अथवा कार्य में विघ्न होना संभावित है।

Niyati Bhandari

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