अपने घर को इन रंगों से सजाकर दूर करें Negative Vibes

Monday, Apr 27, 2020 - 10:44 AM (IST)

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हमारे रहन-सहन में रंगों का महत्व रहा है। इन्हीं रंगों से कई वास्तु दोष भी दूर होते हैं। किस दिशा या कोण में कौन से रंग का प्रयोग किया जाए। इसका ज्ञान वास्तु से प्राप्त होता है। रंग घर में ही नहीं जीवन में भी अपना प्रभाव छोड़ते हैं। भली प्रकार से सोच-समझ कर रंगों का प्रयोग किया जाए तो बिगड़े काम भी बन जाते हैं। जो कि जीवन में सुख व शांति भर देते हैं। अपने घर को इन रंगों से सजाकर दूर करें निगेटिव एनर्जी-

यदि कन्या के विवाह में किसी तरह की कोई बाधा आ रही है तो उस कन्या का शयन कक्ष वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) दिशा में रखें। बेड इस प्रकार लगाएं की सिर दक्षिण दिशा की ओर रहे। कमरे की दिवारों का रंग पीला, क्रीम या सफेद हो तो शादी में आने वाली बाधाएं दूर होंगी।

यदि आर्थिक लाभ की अपेक्षा खर्च अधिक है तो स्थाई आर्थिक लाभ के लिए अपने पूजा स्थान में गहरे पीले, सुनहरी या लाल रंग का प्रयोग अधिक करें। मंदिर का पर्दा भी इसी रंग का होना चाहिए।

यदि आप महसूस करते हैं कि आपके ज्ञात-अज्ञात शत्रु अधिक हैं। इस कारण से आपके जीवन में संकट रहते हैं तो अपने निवास स्थान में थोड़ा परिवर्तन करें। सर्वप्रथम यह देखें की आपके भवन की दक्षिण दिशा में कोई जल का स्थान तो नहीं है। यदि है तो उसे उत्तर पूर्व की ओर ले जाएं। इसके साथ ही एक लाला रंग का छोटा सा बल्ब अग्नि कोण में लगाएं। जो हमेशा जलता रहे। शत्रुओं से मुक्ति मिलेगी।

कोर्ट-कचहरी में विजय के लिए केस से संबंधित कागजात कभी भी दक्षिण-पश्चिम नैऋत्य में न रखें। कोर्ट-कचहरी के कागजात को हरे रंग की फाइल में लगाकर ईशाण कोण या मंदिर में रखें। ध्यान रखें, इनके साथ जेवर या पैसे बिल्कुल न रखें। इस से खर्च बढ़ेगा।  

यदि आपको मानसिक अशांति रहती है तो आप अपने बैठने के स्थान व ड्राइंग रूम में हल्के रंगों का प्रयोग करें जैसे आसमानी और हल्के हरे रंग का प्रयोग करें। डार्क रंगों का प्रयोग भूल कर भी न करें।

मास्टर बैडरूम का रंग गुलाबी सब से अच्छा रहता है। इस रंग से सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है। संतान सुख में बाधा के कई कारण हो सकते हैं। गुलाबी रंग से कई लोगों को संतान सुख प्राप्त होता है। पर्दे और बैड शीट भी गुलाबी रंग के प्रयोग करें। बच्चों के शयन कक्ष का रंग हल्का हो जैसे हल्का पीला, आसमानी या हल्का हरा रंग। 

रसोई घर में सबसे शुभकारी रंग सफेद होता है। इससे पवित्रता और सफाई बनी रहती है। रसोई घर में गूढ़े रंगों का प्रयोग अशुभकारी होता है। रसोई घर में लाल रंग करवाने से परिवार में बिना कारण विवाद होता है। 

अनेक बार देखा गया है कि व्यक्ति में योग्यता होने के बाद भी वह कोई रोजगार पाने में असफल होता है। यदि किसी के योग्य होने के बाद भी रोजगार नहीं मिल रहा है तो भी वह लाल रंग का प्रयोग ज्यादा करें। जब भी साक्षात्कार के लिए जाएं तो लाल, सुनहरे या पीले रंग का इस्तेमाल करें। 

वास्तु अनुकूल उचित रंगों के प्रयोग से जीवन रंगीन बन जाता है। ग्रहों के बुरे प्रभाव से रक्षा होती है। जिस से जीवन में सुख, शांति, खुशहाली और स्मृद्धि आती है।

Niyati Bhandari

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