Chhatrapati Shivaji Story: छत्रपति शिवाजी का यह प्रसंग सिखाएगा किस तरह की जाती है स्वाभिमान की रक्षा

Wednesday, Dec 27, 2023 - 07:16 AM (IST)

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Chhatrapati Shivaji Story: छत्रपति शिवाजी के पुरंदर का किला जीत लेने के बाद उनके सिपाही गांव में घूमने गए। वहां पर उनमें से एक सिपाही एक घर में घुस गया तथा महिलाओं से परिहास करने लगा। घर के एक नवयुवक गोपाल काले ने इसका विरोध किया। इस पर सैनिक ने उसे मार डालने की धमकी दी तथा पुन: अश्लील मजाक करने लगा। काले के रक्त में भी उबाल आ गया। उसने सैनिक की कमर पकड़ कर ऊपर उठा लिया तथा घर से बाहर लाकर नीचे फैंक दिया।

दूसरे दिन प्रात:काल सैनिकों की परेड के समय वह सैनिक वहां न था। खोज करने पर उसका शव गड्ढ़े में पड़ा मिला। कारण किसी की समझ में नहीं आया। शिवाजी को सूचना मिली तो उनके क्रोध की सीमा न रही। उन्होंने उस गांव के प्रत्येक व्यक्ति को बाहर निकलने की आज्ञा दी। शीघ्र ही सारा गांव शिवाजी के शिविर के सामने इकट्ठा हो गया।

शिवाजी ने क्रोध में गजरते हुए गांव वालों से उस सिपाही के हत्यारे को हाजिर करने को कहा। सबके सब मौन हो शिवाजी की तरफ याचनापूर्ण दृष्टि से ताक रहे थे। 

गोपाल काले से यह नहीं देखा गया। वह फौरन भीड़ से बाहर निकल आया तथा सारी घटना वर्णन करके कहने लगा, “मैं अपने सामने महिलाओं का अपमान सहन नहीं कर सका परन्तु अब अपने स्वाभिमान की रक्षा के बदले आपसे दंड पाने के लिए तैयार हूं।” साथ ही उसने शिवाजी से अपनी पवित्र सेना को कलंकित करने वाले ऐसे सैनिकों से बचाए रखने की प्रार्थना भी की।

शिवाजी को उसके सत्य वचनों से बड़ा हर्ष हुआ। 

उन्होंने उस युवक को अपने हृदय से लगा लिया और बोले, “मुझे तुम जैसे वीर पुरुष ही सबसे अधिक प्रिय हैं। क्या तुम मेरी सेना में नायक का पद संभालने के लिए तैयार हो ?

गोपाल काले ने उस महापुरुष को धन्यवाद दिया और हाथ जोड़ते हुए अपनी स्वीकृति दे दी।

Prachi Sharma

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