Chhath Puja 2020: सूर्य को अर्घ्य देते समय करें इस मंत्र का जाप, मिलेगा महालाभ

Friday, Nov 20, 2020 - 05:42 AM (IST)

 शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Lord Surya Prayer: वेदों में सूर्य को जगत की आत्मा कह कर संबोधित किया गया है। सूर्य से ही पृथ्वी पर जीवन है। सूर्य ग्रह को रव‌िवार का स्वामी और अन्य ग्रहों का राजा कहा जाता है। सूर्यदेव प्रत्यक्ष देवता हैं, जो हमें प्रतिदिन दिखाई देते हैं। सूर्यदेव आदित्य और भास्कर जैसे कई दिव्य तेजस्वी नामों से जाने जाते हैं। सूर्य देव सारी सृष्टि के ऊर्जा और प्रकाश के कारक हैं। उन्हें प्रसन्न करना बेहद आसान है। वैदिक युग से भगवान सूर्य की उपासना का उल्लेख मिलता हैं।


Surya Arghya: ऋग्वेद में सूर्य को स्थावर जंगम की आत्मा कहा जाता हैं। ऋग्वेद का यह श्लोक कहता है "सूर्यात्मा जगत स्तस्थुषश्च"


अर्थात वैदिक युग से अब तक सूर्य को जीवन स्वास्थ्य एवं शक्ति के देवता के रूप में मान्यता हैं। छान्दोग्य उपनिषद में सूर्य को ब्रह्म कहा गया हैं। आदित्यों ब्रह्मेती। पुराणों में द्वादश आदित्यों, सूर्य की अनेक कथाएं प्रसिद्ध हैं, जिनमें उनका स्थान व महत्व वर्णित है।


How do you perform Surya mantra: आस्थावान हिन्दू भगवान सूर्यदेव को अर्ध्य देते हैं। अर्ध्य देने से अनेक लाभ होते हैं। सूर्य के बुरे प्रभाव से व्यक्ति का शरीर ही रोगी नहीं होता बल्कि मान, सम्मान की भी हानि हो सकती है। ऐसे में सूर्य की उपासना स्वास्थ्य, पद, प्रतिष्ठा और सुख देने वाली साबित होती है।


Surya Arghya Mantra- सूर्य अर्घ्य मन्त्रः एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते । अनुकम्पय मां देवी गृहाणार्घ्यं दिवाकर ।।

Niyati Bhandari

Advertising