छठ महापर्व का हुआ श्रीगणेश, सूूर्य देव की कृपा से मिलेगा ऐशो-आराम

Friday, Nov 01, 2019 - 11:10 AM (IST)

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नई दिल्ली:
नहाय-खाय के साथ छठ महापर्व का श्रीगणेश वीरवार को हो गया। व्रतधारी महिलाओं ने पूरी तरह शुद्ध होकर शाम के वक्त प्रसाद बनाकर ग्रहण किया। चार दिवसीय इस महापर्व में शुक्रवार को खरना होगा और दिनभर महिलाएं व्रत रखेंगी और शाम को प्रसाद बनाया जाएगा। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से शुरू होकर यह पर्व सप्तमी तक चलेगा। शनिवार को अस्ताचलगामी रविवार की सुबह उगते सूर्य को अघ्र्य दिया जाएगा। रोगों से मुक्ति, संतान और मनोकमाना पूरी करने का व्रत पूर्वांचल के साथ पूरे देश में उत्साह के साथ मनाया जाता है। छठ मईया और सूर्य भगवान की उपासना के इस पर्व को चालीस लाख के करीब लोग राजधानी दिल्ली में मनाएंगे।

खरना आज
छठ पर्व का दूसरा दिन शुक्रवार को खरना या लोहंडा बनाया जाएगा। चैत्र या कार्तिक महीने के पंचमी को मनाया जाता है। इस दिन व्रती पूरे दिन उपवास रखते हैं। इस दिन व्रती अन्न तो दूर की बात है सूर्यास्त से पहले पानी की एक बूंद तक ग्रहण नहीं करते हैं। शाम को चावल गुड़ और गन्ने के रस का प्रयोग कर खीर बनाई जाती है। खाना बनाने में नमक और चीनी का प्रयोग नहीं किया जाता है। इन्हीं दो चीजों को पुन: सूर्यदेव को नैवैद्य देकर उसी घर में ‘एकान्त में रहते हैं अर्थात् एकान्त रहकर उसे ग्रहण करते हैं। परिवार के सभी सदस्य उस समय घर से बाहर चले जाते हैं ताकी कोई शोर न हो सके। खाते समय व्रती को किसी तरह की आवाज सुनना नियमों के विरुद्ध है।

Jyoti

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