चार महीने का नहीं इस बार 5 माह का होगा चातुर्मास, मां के आगमन में भी होगी देरी

Friday, Jun 26, 2020 - 01:05 PM (IST)

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नवरात्रि हिंदू धर्म के प्रमुख त्यौहारों में से एक माना जाता है। जिस तरह दीवाली, दशहरा, सावन आदि जैसे पर्वों को धूम धाम से मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष में कुल 4 बार नवरात्रि मनाई जाती है, जिसमें से एक 2 गुप्त नवरात्रि होती हैं तो दो शारदीय नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि। मान्यता है कि इनमें शारदीय और चैत्र नवरात्रि का अधिक महत्व होता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें 22 जून से इस माह के चैत्र नवरात्रि प्रांरभ हो चुके हैं, जो 01 जुलाई को समाप्त होंगे। इस दौरान देवी दुर्गा की पूजा का खासा महत्व है, यही कारण है कि हर कोई मां के आने के इंतज़ार में लगा रहता है। बता दें इस बार मां के भक्तों का ये इंतज़ार थोड़ा लंबा होने वाला है।

धार्मिक और ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार हर साल श्राद्ध खत्म होने के ठीक अगले दिन नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि के साथ ही कलस स्थापना के साथ मां की आराधना का समय शुरू हो जाता है। परंतु इस साल ऐसा नहीं होगा, क्योंकि इस साल श्राद्ध खत्म होते ही अधिकमास लग जाएगा। जिसा कारण नवरात्रि 20-25 दिन आगे चले जाएंगे। जिसके अनुसार इस साल दो महीने अधिकमास लग रहे हैं। बता दें ऐसा इसलिए क्योंकि ये लीप वर्ष चल रहा है, इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि चार माहह तरक लगने वाला चातुर्मास इस बार पांच महीने का हो सकता है। कुछ ज्योतिष मान्यताओं की मानें तो ऐसा लगभग 160 साल में पहली बार हो रहा है कि लीप ईयर और अधिकमास दोनों ही एक साल में हैं।

बता दें ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार चातुर्मास शुरू होते ही विवाह, मुंडन, कर्ण छेदन जैसे मांगलिक कार्यों पर रोक लगा दी जाती है। इस माह में पूजन पाठ-व्रत उपवास और साधना का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है इस दौरान श्री हरि विष्णु क्षीरसागर में पूरे 4 माह के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं जो देवउठनी एकादशी के दिन अपनी निद्रा से जागते हैं जिसके बाद सभी मांगलिक कार्य एक बार फिर शुरू हो जाते हैं। बता दें इस बार देवउठनी एकादशी 25 नवंबर को है।

बता दें इस साल 17 सितंबर 2020 को श्राद्ध खत्म होंगे, जिसके ठीक अगले दिन अधिकमास शुरू होगा, जिसका समापन 16 अक्टूबर तक होगा। यानि नवरात्रि के व्रत 17 अक्टूबर से नवरात्रि व्रत रखें जाएंगे। इसके बाद 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी होगी।

Jyoti

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