Chaturmas 2023: इस दिन से शुरू होगा भगवान विष्णु का शयन काल, अगले 5 माह तक नहीं होगा कोई मांगलिक काम

Tuesday, Jun 20, 2023 - 11:02 AM (IST)

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Chaturmas 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार कुछ ऐसे माह होते हैं, जिनमें शुभ कार्यों पर रोक लगा दी जाती है। इन्हीं में से एक है चातुर्मास। चातुर्मास का अर्थ होता है चार महीने का समय। शास्त्रों और पुराणों के अनुसार इस समय भगवान विष्णु चार माह के लिए क्षीरसागर में विश्राम करने चले जाते हैं। इस वजह से सारे शुभ कार्य विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार चार महीने के दौरान थम जाते हैं।

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When will chaturmas start कब शुरू होगा चातुर्मास: चातुर्मास की शुरुआत आषाढ़ माह के शुक्लपक्ष की देवशयनी एकादशी तिथि 29 जून 2023 से होगी और 23 नवंबर 2023 कार्तिक शुक्ल एकादशी पर इसका समापन हो जाएगा। ये समय भगवान विष्णु का शयन काल का समय माना जाता है। चातुर्मास का समय श्रावण, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक माह तक चलता है लेकिन इस बार अधिक मास में चलते चातुर्मास 4 के बजाय 5 महीनों का होगा। शास्त्रों के अनुसार कुछ काम ऐसे हैं, जिन्हें इस समय में बिल्कुल नहीं करना चाहिए और कुछ नियम है, जिनका पालन करना चाहिए। तो चलिए जानते हैं -

Do this work in Chaturmas चातुर्मास में करें ये काम:
चातुर्मास में ज्यादा से ज्यादा ध्यान जप-तप की तरफ देना चाहिए। इस दौरान खान-पान पर भी विशेष ध्यान दें।
इस समय में व्रत और पूजा का अधिक फल मिलता है इसलिए हो सके तो ज्यादा से ज्यादा उपवास करें।
चातुर्मास के दौरान सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना चाहिए।

Bhagwan Vishnu Mantra भगवान विष्णु मंत्र:
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ विष्णवे नम:
ॐ हूं विष्णवे नम:

श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
 
हो सके तो चातुर्मास के दौरान पवित्र नदी में स्नान करें। अगर कहीं नहीं जा सकते तो दान-धर्म जरूर करें। इस समय दान करने से दोगुना फल मिलता है।  

भगवान विष्णु प्रसन्न करने के लिए चातुर्मास में पीपल का पेड़ जरूर लगाएं।

Do not do these things in Chaturmas चातुर्मास में न करें ये काम:
चातुर्मास में जब श्रावण का महीना आए तो पत्तेदार सब्जियों का सेवन कम से कम करना चाहिए। हो सके तो न ही खाएं। कार्तिक माह में लहसुन-प्याज का त्याग करना चाहिए और आश्विन माह में दूध का।
चातुर्मास के दौरान किसी भी प्रकार का मांगलिक कार्यक्रम न करें।
दूसरों से अन्न लेने से बचें।
इस समय में तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए और न ही शरीर में तेल लगाना चाहिए।

 

Niyati Bhandari

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