उत्तराखंड सरकार ने मारा बैक गियर, अगले आदेशों तक चार धाम यात्रा पर रोक

Tuesday, Jun 29, 2021 - 12:56 PM (IST)

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बीते दिनों हमने अपनी वेबसाइट के माध्यम से आपको इस बात की जानकारी प्रदान की कि कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार आ रही कमी के मद्देनजर उत्तराखंड राज्य सरकार की तरफ से फैसला लिया गया था कि 11 जुलाई से राज्य के सभी जिलों के लिए यात्रा को खोल दिया जाएगा। लोगों की श्रद्धा को ध्यान में रखते हुए दो चरणों में विश्व प्रसिद्ध चार धाम यात्रा को खोलने का निर्णय लिया गया था। जिस दौरान सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने 20 जुलाइ को घोषणा करते हुए बताया था कि 1 जुलाई से चमोली जिले की सीमा में रहने वाले लोग बदरीनाथ, रुदप्रयाग के केदारनाथ और उत्तरकाशी जिले के गंगोत्री व यमुनोत्री धामों में दर्शन कर सकेंगे। जिसके बाद भक्तों में खुशी की एक लहर छा गई थी। परंतु इससे जुड़ी हाल ही में आइ एक खबर ने फिर से भक्तों के मन में निराशा पैदा कर देगी। जी हां, आज सुबह उत्तराखंड की सरकार ने चार धाम यात्रा को लेकर संशोधित एमओपी (SOP) जारी किया है। जिसके तहत आगामी 1 जुलाई से प्रस्तावित चारधाम यात्रा अग्रिम आदेशों तक के लिए स्थगित कर दी गई है। 

खबरों की मानें तो उत्तराखंड ये फैसला हाईकोर्ट के ऑर्डर को मानते हुए किया गया है। बीते दिन सोमवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चार धाम यात्रा के मामले पर सुनवाई की। दरअसल, राज्य सरकार ने सीमित लोगों के साथ चार धाम यात्रा की शुरुआत करने की बात कही थी, परंतु कोर्ट ने इस यात्रा पर 7 जुलाई तक रोक लगा दी, उस दिन मामले पर फिर सुनवाई होनी थी। जिस पर अब हाईकोर्ट ने सरकार को 7 जुलाई को दोबारा से शपथपत्र दाखिल करने को कहा है। बता दें कोर्ट ने चार धामों की लाइव स्ट्रीमिंग भी करने को कहा था, जिससे श्रद्धालु घर से ही उनके दर्शन कर सकें। बता दें उत्तराखंड के चारों धामों के कपाट पहले ही खुल चुके हैं। लेकिन लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति नहीं दी गई है। माना जा रहा था कि पर्यटन व धर्मस्व विभाग अलग से एसओपी जारी करेगा।

सोमवार को हाईकोर्ट ने लगाई रोक
बीते दिन हाईकोर्ट ने सरकार के सारे तर्कों को सिरे से नकारते हुए 1 जुलाई से चार धाम यात्रा कराने के कैबिनेट के निर्णय पर रोक लगाई। सरकार की ये फजीहत कमजोर तर्कों और आधी अधूरी तैयारी के चलते हुई। कोर्ट ने कहा कि सरकार के अधिकारी कोर्ट को बहुत हल्के ढंग से ले रहे हैं, लिहाजा मुख्य सचिव अधिकारियों को कोर्ट के समक्ष जवाब देने की ट्रेनिंग दें। अधिकारी गलत और अधूरी जानकारी देकर हमारे धैर्य की परीक्षा न लें। कोर्ट ने इस प्रकरण में अगली सुनवाई के लिए 7 जुलाई की तिथि नियत की है। कोर्ट की सुनवाई के बाद उत्तराखंड सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा था कि वह पहले हाईकोर्ट का ऑर्डर पढ़ेंगे, फिर अगर उन्हें लगेगा तो सुप्रीम कोर्ट का रुख किया जाएगा। 
 

Jyoti

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