उत्तराखंड के चारों धाम व हेमकुंड साहिब के कपाट बन्द होने की तिथि घोषित

Thursday, Oct 06, 2022 - 01:47 PM (IST)

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श्री बदरीनाथ/उखीमठ/उत्तरकाशी: उत्तराखंड स्थित सनातन धर्म के पवित्र तीर्थ स्थलों और सिक्खों के पवित्र स्थल श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे के कपाट शीतकाल में बंद किए जाने की विजयादशमी के अवसर पर परम्परा अनुसार, घोषित कर दी गई। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट इस यात्रा वर्ष में शनिवार 19 नवंबर को शाम 3 बजकर 35 मिनट पर बंद होंगे। श्री केदारनाथ धाम के कपाट 27 अक्टूबर प्रात: 8.30 बजे भैया दूज के अवसर पर बंद होंगे। श्री गंगोत्री धाम के कपाट 26 अक्टूबर गोवर्धन पूजा के दिन 12 बजकर एक मिनट तथा यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज 27 अक्टूबर को मध्याह्न अभिजीत मुहूर्त में शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे। वहीं, श्री हेमकुंट साहिब, लक्ष्मण मंदिर के कपाट 10 अक्टूबर को बंद हो रहे हैं। विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि विजय दशमी के अवसर पर बुधवार को विधि-विधान पंचाग गणना के पश्चात तय हुई। इससे पूर्व मंदिर परिसर में नवरात्रि के दौरान, नौ दिन तक मां उर्वशी पूजा संपन्न हुई। जिसका आज दशमी में समापन हुआ। 

इसके पश्चात, बद्रीनाथ, केदारनाथ मन्दिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय एवं उपाध्यक्ष किशोर पंवार की उपस्थिति में आयोजित धार्मिक समारोह में रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने कपाट बंद होने की तिथि 19 नवंबर घोषित की। इस अवसर पर बदरीनाथ मंदिर को भव्य रूप से फूलों से सजाया गया था। आज दोपहर के बाद शुरू हुए धार्मिक समारोह में पूजा-अर्चना, विधि-विधान पूर्वक पंचाग गणना पश्चात लग्न, मुहुर्त देख कर तिथि तय की गयी। पूजा-अर्चना पंचाग गणना धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, अपर धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविन्द्र भट्ट द्वारा की गयी। कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत पंच पूजाओं में 15 नवंबर मंगलवार को पहले दिन पूजा अर्चना पश्चात, शाम को श्री गणेश जी के कपाट बंद हो जायेंगे। दूसरे दिन 16 नवंबर बुधवार को आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होंगे। तीसरे दिन 17 नवम्बर बृहस्पतिवार को खडग पुस्तक पूजन एवं वेद ऋचाओं का पाठ बंद हो जायेगा। चौथे दिन 18 शुक्रवार नवंबर को मां लक्ष्मी जी को कढाई भोग लगाया जायेगा तथा पांचवें दिन 19 नवंबर को रावल जी स्त्री भेष में मां लक्ष्मी को श्री बदरीविशाल के निकट स्थापित कर देते है। इससे पहले श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी मंदिर प्रांगण में आ जाते है। और फिर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।

कुबेर जी रात्रि अवस्थान हेतु बामणी गांव चले जायेंगे। जबकि उद्धव जी रावल मंदिर के निकट रहते है। दिनांक 20 नवंबर को देवडोलियां श्री बदरीनाथ धाम से पांडुकेश्वर एवं श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ हेतु प्रस्थान करेंगी। आज इस अवसर पर आदि गुरु शंकराचार्य जी की डोली के जोशीमठ तथा श्री उद्धव जी तथा कुबेर जी के पांडुकेश्वर प्रस्थान की तिथि भी निश्चित हो गयी। आगामी 20 नवंबर प्रात: श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी की देवडोली अपने पांडुकेश्वर स्थित मंदिर पहुंच जायेगी। आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी 20 नवंबर को रावल सहित योगध्यान बदरी पांडुकेश्वर प्रवास करेगी। दूसरे दिन 21 नवंबर सोमवार को आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगी। इसी के साथ श्री बदरीनाथ धाम यात्रा का समापन भी हो जायेगा तथा योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में शीतकालीनपूजायें शुरू हो जायेंगी। आज कपाट बंद होने की तिथि तय होने के अवसर पर मंदिर समिति की ओर से हक-हकूकधारियों को पगड़ी भेंट की गयी। मेहता थोक से रवीन्द्र मेहता, गोविन्द भट्ट, भंडारी थोक से अनूप भंडारी, गोविंद पंवार को अगले यात्रा काल की भंडार व्यवस्था हेतु यह पगड़ी भेंट की गयी।

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इस अवसर पर, स्वामी मुकुंदानंद महाराज,उप मुख्य कार्याधिकारी सुनील तिवारी, अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी गिरीश चौहान,मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, डा. हरीश गौड़ सहित अधिकारी - कर्मचारी, हक हकूकधारी, तीर्थपुरोहित समाज के पदाधिकारी,सदस्य, बड़ी संख्या में तीर्थयात्री, माणा- बामणी के ग्रामवासी मौजूद रहे। मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) योगेन्द्र सिंह ने बताया कि श्री केदारनाथ धाम के कपाट इस यात्रा वर्ष 27 अक्टूबर प्रात: साढ़े आठ बजे शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे। भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली 27 अक्टूबर को फाटा, 28 अक्टूबर को विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी तथा 29 अक्टूबर को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। इसी के साथ पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजाये शुरू हो जायेंगी।

श्री गंगोत्री मंदिर समिति से प्राप्त जानकारी के अनुसार, श्री गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट/गोवर्धन पूजा के दिन 26 अक्टूबर दोपहर को बंद हो जायेंगे। उसी दिन मां गंगा की डोली गंगोत्री से देवी मंदिर मुखीमठ ( मुखवा) हेतु प्रस्थान करेगी। धाम के कपाट बंद होने की घोषणा के अवसर पर, गंगोत्री मंदिर समिति अध्यक्ष हरीश सेमवाल, सचिव सुरेश सेमवाल, दिनेश सेमवाल, महेश सेमवाल मौजूद रहे। इसी तरह, यमुनोत्री धाम के कपाट भैयादूज 27 अक्टूबर को बंद हो दोपहर के अभिजीत मुहूर्त में बंद जायेंगे। मां यमुना की उत्सव डोली इसी दिन शीतकालीन गद्दी स्थल खुशीमठ (खरसाली) के लिए प्रस्थान करेगी। इसी तरह द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट शुक्रवार 18 नवंबर को बंद होंगे तथा 21 नवंबर सोमवार के दिन मद्महेश्वर मेला आयोजित होगा। श्री मद्महेश्वर जी की उत्सव डोली विभिन्न पड़ावों में 18 नवंबर को गौंडार, 19 नवंबर को रांसी, 20 नवंबर को गिरिया, 21 नवंबर को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। आगामी 21 नवंबर को ही मद्महेश्वर मेला आयोजित होगा।

श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ मे कपाट बंद होने की तिथि यह तय होने के अवसर पर पुजारी शिवशंकर लिंग, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल आदि मौजूद रहे। तृतीय केदारनाथ तुंगनाथ जी के कपाट सात नवंबर सोमवार को बंद होंगे। इसी दिन श्री तुंगनाथ जी की उत्सव डोली चोपता पहुंचेगी। भनकुन, भूतनाथ होते हुए उत्सव डोली श्री माकर्ंडेय मंदिर मक्कूमठ पहुंचेगी। आज मक्कूमठ में तिथि घोषित करने के अवसर पर मठापति राम प्रसाद मैठाणी, पूर्व मंदिर अधिकारी भूपेंद्र मैठाणी बलबीर नेगी आदि मौजूद रहे। जबकि चतुर्थ केदार तुंगनाथ के कपाट सोमवार 17 अक्टूबर शायंकाल 5.13 बजे बंद हो रहे है। गुरूद्वारा हेमकुण्ड साहिब ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नरेन्द्र जीत सिंह विंद्रा तथा सरदार सेवा सिंह ने बताया कि श्री हेमकुंट साहिब तथा लोकपाल तीर्थ के कपाट शीतकाल हेतु 10 अक्टूबर सोमवार को बंद हो रहे हैं।

Jyoti

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