श्रावण मंगलवार: ये आसान मंत्र दिला सकते हैं पवनपुत्र हनुमान की अपार कृपा

Tuesday, Aug 06, 2019 - 10:52 AM (IST)

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जिस तरह श्रावण माह के सोमवार का अधिक महत्व है। ठीक उसी तरह इस महीने के प्रत्येक सप्ताह का एक-एक दिन खास माना जाता है। चूंकि पवनपुत्र हनुमान भगवान शिव के रोद्र रूप हैं, इसलिए श्रावण मास में पड़ने वाला हर मंगलवार बेहद विशेष माना जाता है। वैसे तो ज्योतिष शास्त्र में मंगलवार को बजरंगबली की पूजा करनी अति फलदायी बताई गई है और अगर बात श्रावण मास के मंगलवार की हो तो कहा जाता है इस खास दिन जो भी जातक वायुपुत्र हनुमान जी की पूजा कर लेता है उस पर इनकी इनती ज्यादा कृपा होती है कि जीवन के हर मोड़ पर उसे सफलता ही हासिल होती है। मगर कुछ ऐसे लोग होते हैं जो इस दिन की विशेषता नहीं जानते। तो वहीं ऐसे भी लोग होते हैं जो इन्हें खुश करना नहीं जानते। तो आपको बता दें कि हमारे इस आर्टिकल के द्वारा आपकी इस समस्याओं का समाधान निकल सकता है। इसके लिए आपको ज्यादा कुछ करना भी नहीं होगा केवल ज़रा से प्रयास से आप चिरंजीवी हनुमान जी की कृपा पा सकेंगे। तो आइए जानते हैं क्या करने से आपकी मिल सकेगा पवनपुत्र का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ना शुभ माना जाता है। तो वहीं इस दिन बजरंगबली की अराधना से कुंडली में मंगल ग्रह मज़बूत होता है। जिसके चलते मंगलवार को व्रत आदि किया जाता है। मान्यता है इससे सम्मान, बल, साहस और पुरुषार्थ में वृद्धि होती है। इसके अलावा कुछ मंत्रों का जाप करने से भी कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं।

जातक को अपने बिगड़े हुए कार्यों को संवारने के लिए हनुमान जी के मंदिर में जाकर रामरक्षास्त्रोत का पाठ करना चाहिए।

तो वहीं भय से मुक्ति पाने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना फलदायी माना गया है।

श्रावण के मंगलवार को हनुमान जी की प्रतिमा के सामने बैठकर राम नाम का 108 बार जाप करने जल्द ही हनुमान जी की कृपा होती है। इसके साथ ही दांपत्य जीवन में खुशियां पाने के लिए हनुमान जी के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ भी करें।

बजरंगबली को शीघ्र प्रसन्न करने के लिए रुद्राक्ष की माला से ॐ हं हनुमंतये नम: मंत्र का व ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट मंत्र जाप करें।  

बुरी शक्तियां से छुटकारा पाने के लिए संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा का उच्चारण करें।

Jyoti

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