मौर्य वंश को षडयंत्रों से बचाने वाले चाणक्य भी हुए थे षडयंत्र का शिकार!

Tuesday, Feb 13, 2018 - 12:35 PM (IST)

भारतीय राजनीति में आज भी चाणक्य का नाम पूरे सम्मान के साथ लिया जाता है। इन्हें भारत ही नहीं, पूरी दुनिया के सबसे बड़े राजनीति के ज्ञानी, कुशल नीति शास्त्र के ज्ञाता, बुध्दिमानी व्यक्ति के रूप में जाना जाता है। इनकी लिखी किताब अर्थशास्त्र और चाणक्य नीति आज भी उतनी ही प्रचलित है, जितनी उस समय में थी, जब वे लिखी गई थीं। मगर, उनकी मौत क्यों, कैसे व कहां हुई, यह आज भी रहस्य है। हालांकि, इस बारे में दो कहानियां कही जाती हैं। इन कहानियों में कितनी सच्चाई है, यह तो दावे से नहीं कहा जा सकता है। मगर, विद्वानों का मानना है कि यह दो संभावित कारण रहे हैं, जो चाणक्य की मौत के लिए ठोस वजह बन सकते थे। जानते हैं इसके बारे में-


चाणक्य की मृत्यु
कहा जाता है कि महाराज चंद्रगुप्त की मृत्यु के बाद उनके पुत्र बिंदुसार को सत्ता पर बैठाया गया तो चाणक्य, बिन्दुसार के भी उतने ही करीब थे जितने वो चंद्रगुप्त के थे, बिन्दुसार के शासनकाल में भी चाणक्य को वही मान-सम्मान और स्थान मिला हुआ था, जो चंद्रगुप्त के काल में था और जिसके वो हकदार थे। लेकिन कुछ लोगों को ये बात नहीं भाती थी और शाययद ही वजह थी कि उन्होंने चाणक्य और बिन्दुसार को कई बार अलग करने की कोशिश की। उनका मूल ध्येय यही था कि वो किसी भी प्रकार से राजा को चाणक्य के खिलाफ भड़काकर दोनों को अलग कर पाएं और काफी वक्त की कोशिशों के बाद वो ऐसा करने में कामयाब भी हुए और बिन्दुसार, चाणक्य को गलत समझ बैठे, ये कहना भी गलत नहीं होगा कि यह बिन्दुसार के जीवन की सबसे बड़ी भूल थी।


ऐसा कहा जाता है कि राजा और आचार्य दोनों के बीच दूरियां एक समय में इतनी बढ़ गई कि आचार्य महल छोड़कर जंगल चले गए। यहां तक लगभग सभी शोधकर्ताओं का मत एक ही है लेकिन इसके बाद कुछ शोधकर्ताओं का ऐसा मानना है कि चाणक्य जंगल में जाकर अन्न-जल त्याग कर रहने लगे और ऐसा उन्होने तब तक किया जब तक उनके प्राण नहीं निकल गए तो वहीं कुछ शोधकर्ताओं का ऐसा कहना है कि आचार्य चाणक्य के जंगल जाने के बाद महल के कुछ षडयंत्रकारियों ने उन्हे जिंदा जला दिया था। अब इन दोनों शोधों में से सच क्या है इसा बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन इतना जरूर है कि अगर सच में चाणक्य की मौत किसी षड़यंत्र के चलते हुई थी तो इस बात पर विश्वास कर पाना बहुत मुश्किल है कि जिस व्यक्ति ने सालों तक मौर्य वंश को क5 षडयंत्रों से बचा कर रखा आखिर वो किसी षडयंत्र में कैसे फंस गया

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