चाणक्य नीति: कठिन निर्णय लेने जरूरी

Sunday, Dec 10, 2017 - 03:27 PM (IST)

चाणक्य एक बड़े दूरदर्शी विद्वान थे। चाणक्य जैसे बुद्धिमान, रणनीतिज्ञ, चरित्रवान व राष्ट्रहित के प्रति समर्पित भाव वाले व्यक्ति भारत के इतिहास में ढूंढने से भी बहुत कम मिलते हैं। उनके महामंत्री काल में जनता पूर्ण सुखी व आनंदित थी। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में बहुत कुछ बताया है कि जिस से हमें भविष्य के कष्टों से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और कौन-कौन सी बातें इंसान को दुख प्रदान कर सकती हैं। एक नीति में इन्होंने बताया है कि जीवन में कभी-कभी कठोर-कठिन निर्णय लेने जरूरी होते हैं।


दग्धार्थी वत्सो मातुरूधः प्रतिहन्ति।


राजनीति में कुछ पाने के लिए एक राजा को कभी-कभी कुछ अप्रिय कार्य भी करने पड़ते हैं परंतु उससे न तो प्रजा को कोई कष्ट होता है और न ही राजा को। वहां उसका धर्म प्रजा की भलाई के लिए अपने राज्य की रक्षा करना होता है। जैसे बछड़े के प्रहार से गाय को अपने थनों पर दर्द नहीं होता, बल्कि आंनद प्राप्त है। 

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