चाणक्य नीतिः एेसे राजा से प्रजा करती है घृणा

Sunday, Apr 15, 2018 - 02:56 PM (IST)

आचार्य चाणक्य एक एेसे नीतिवान थे, जिनकी नीतियां न केवल उस समय में प्रांसगिक थी बल्कि आज भी उतनी ही प्रांसगिक है। इनकी नीतियां के बल पर ही चन्द्रगुप्त मौर्य ने मौर्य साम्राज्य की स्थापना की थी। तो आईए जानें उनकी एक एेसी ही नीति के बारे में जिसमें उन्होंने बताया है कि किन स्थितियों में राजा की प्रजा उससे घृणा करने लगती है।
 

श्लोक
तीक्ष्णदंड: सर्वैरुद्वेजनीयो भवति।
कठोर दंड से सभी लोग घृणा करते हैं।


अर्थात
अपराधी को दंड देना राजा का अधिकार है परंतु कठोर दंड देने से प्रजा त्राहि-त्राहि कर उठती है। ऐसे कठोर राजा से प्रजा घृणा करने लगती है और विद्रोही हो जाती है।

Jyoti

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