Kundli Tv- जानें, सूर्य का ये गोचर आपकी ज़िंदगी में लाएगा कैसा बदलाव

Monday, Dec 03, 2018 - 03:42 PM (IST)

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कल यानि 2 दिसंबर 2018 को मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को रविवार वाले दिन नक्षत्रों में बदलाव हुआ है। इसके अनुसार सूर्य ने मार्गशीर्ष की दशमी तिथि को ज्येष्ठा नक्षत्र में प्रवेश किया है और इसके साथ ही हस्त नक्षत्र और आयुष्मान योग भी बन रहे हैं। आपको बता दें कि आयुष्मान योग तब बनता है जब सूर्य और चंद्र के बीच की दूरियां बढ़ जाती हैं। ज्योतिष विज्ञानियों के मुताबिक इस योग के स्वामी गुरु है। तो वहीं हस्त नक्षत्र का स्वामी बुध कहलाता है। कहा जाता है कि नक्षत्र स्वामी चंद्र जिन ग्रहों के साथ जिस राशि में जिस अवस्था में होता है परिणामों में भी उसी तरह अंतर पाया जाता है।

आपको बता दें कि इन दोनों योगों में किया गया लगभग हर काम लंबे समय तक शुभ फल प्राप्त करता है। तो चलिए आज बात करते हैं सूर्य के ज्येष्ठा नक्षत्र में प्रवेश करने से विभिन्न नामाक्षर और नक्षत्र वाले लोगों पर क्या प्रभाव पड़ेगा और उस स्थिति में उन्हें कौन-से उपाय करने चाहिए।

ज्येष्ठा, मूल या पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में जन्मे लोग
ज्योतिष के अनुसार जिन लोगों का जन्म ज्येष्ठा, मूल या पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में हुआ हो और जिनका नाम 'न', 'य', 'भ', 'ध' या 'फ' अक्षर से शुरू होता हो, उन लोगों को 16 दिसंबर तक आग और बिजली से संबंधित चीज़ों के साथ सावधानी बरतनी होगी।

इसलिए खास ध्यान रखें कि इस दौरान गैस, चूल्हा और बिजली के तार आदि का ध्यानपूर्वक इस्तेमाल करें। साथ ही इस दौरान कोई नया घर बनाने की सोच रहे हैं तो 16 दिसंबर तक के लिए अपनी ये योजना टाल देनी चाहिए। साथ ही अशुभ स्थिति से बचने के लिए और शुभ फलों की प्राप्ति के लिए 16 दिसंबर तक धार्मिक कार्यों में अपना सहयोग देते रहें। इससे आपको अशुभ फलों से छुटकारा मिलेगा।

उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा या शतभिषा नक्षत्र में जन्में लोग
जिन लोगों का जन्म उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा या शतभिषा नक्षत्र में हुआ हो और  नाम का पहला अक्षर 'भ', 'ज', 'ख', 'ग' या 'स' हो, 16 दिसंबर तक उन लोगों के जीवन की गति थमी हुई सी रहेगी। अतः अपने कामों में रूकावट दूर करने के लिए - रात को अपने सिरहाने पर 5 बादाम रखकर सोएं और अगले दिन सुबह उठकर उन बादाम को मंदिर या किसी धर्मस्थल पर दान कर दें।

पूर्वभाद्रपद, उत्तरभाद्रपद, रेवती या अश्विनी नक्षत्र में जन्मे लोग
ज्योतिषियों का कहना है कि जिन जातकों का जन्म पूर्वभाद्रपद, उत्तरभाद्रपद, रेवती या अश्विनी नक्षत्र में हुआ हो और नाम का पहला अक्षर 'स', 'द', 'थ', 'च', या 'ल' हो, 16 दिसंबर तक उन लोगों के कामों और जीवन में स्थिरता बनी रहेगी। अतः इस स्थिरता को कायम रखने के लिए- अगर संभव हो तो 16 दिसंबर तक घर में पीतल के बर्तनों का उपयोग न करें।

भरणी, कृतिका या रोहिणी नक्षत्र में जन्मे लोग
ज्योतिष विज्ञानियों के अनुसार जिनका जन्म भरणी, कृतिका या रोहिणी नक्षत्र में हुआ हो और नाम 'ल', 'अ', 'इ', 'उ' या 'व' अक्षर से शुरू होता हो, उन लोगों को 16 दिसंबर तक लक्ष्मी की प्राप्ति होगी। एेसा माना जा रहा है कि उनके ऊपर लगभग अगले 14 दिनों तक देवी लक्ष्मी की अपार कृपा रहेगी। जिसेसे उनको अपार धन-दौलत की प्राप्ति होगी। तो 16 दिसंबर तक अपने ऊपर मां लक्ष्मी की कृपा को बनाए रखने के लिए काली गाय की सेवा करें। 

मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु या पुष्य नक्षत्र में जन्में लोग
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जिन लोगों का जन्म मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु या पुष्य नक्षत्र में हुआ हो और नाम का पहला अक्षर 'व', 'क', 'घ', 'छ' या 'ह' हो, उन लोगों को जीवन में 16 दिसंबर तक लाभ के खूब अवसर प्राप्त होंगे, कहने का मतलब ये है कि आपको अपने हर काम में लाभ ही लाभ मिलेगा। अपने इस लाभ को बरकरार रखने के लिए 16 दिसंबर तक बंदर को गुड़ खिलाएं। 

आश्लेषा, मघा या पूर्वफाल्गुनी नक्षत्र में जन्में लोग
जिन जातकों का जन्म आश्लेषा, मघा या पूर्वफाल्गुनी नक्षत्र में हुआ हो और नाम 'ड', 'म' या 'ट' अक्षर से शुरू होता हो, उनके 16 दिसंबर तक कुछ परेशानी हो सकती है। खासतौर पर  घर के मुखिया को। इसलिए घर का मुखिया अपनी सेहत के प्रति सावधान रहें। इसलिए अशुभ स्थिति से बचने के लिए किसी छोटे बच्चे को भोजन कराएं।

उत्तरफाल्गुनी, हस्त, चित्रा या स्वाती नक्षत्र में जन्में लोग
जिनका जन्म उत्तरफाल्गुनी, हस्त, चित्रा या स्वाती नक्षत्र में हुआ हो और नाम का पहला अक्षर 'ट', 'प', 'र' या 'त' हो, उन लोगों को 16 दिसंबर तक आर्थिक मामलों में सावधानी बरतनी होगी। इसलिए ध्यान रखें कि अपने पैसों को बेवजह खर्च न करें  वरना आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। अतः 16 दिसंबर तक सूर्यदेव के अशुभ फलों से बचने के लिए मंदिर में बाजरे का दान करें। इससे आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर बनी रहेगी।

विशाखा या अनुराधा नक्षत्र में जन्में लोग
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जिनका जन्म विशाखा या अनुराधा नक्षत्र में हुआ हो और नाम का पहला अक्षर 'त' या 'न' हो, उन को 16 दिसंबर तक अपनी सेहत के प्रति सतर्क रहना होगा। अतः अशुभ फलों से बचने के लिए बंदर को केला खिलाएं। अगर संभव हो तो लाल मुंह वाले बंदर को दें। 
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Jyoti

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