हरिद्वार में स्थित है शक्ति त्रिकोण, जानें इसकी प्रसिद्धि का कारण

punjabkesari.in Wednesday, Feb 10, 2021 - 03:55 PM (IST)

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प्रत्येक वर्ष में आने वली प्रत्येक अमावस्या तिथि के दिन पावन गंगा घाटों पर लोग स्नान करने आते हैं। तो वहीं कुछ वर्ष के अंतराल पश्चात इन्हीं घाटों पर कुंभ मेले का आयोजन होता है। इस बार के कुंभ मेले की बात करें तो इस वर्ष कुंभ का आयोजन हरिद्वार में होगा। उत्तरांचल प्रदेश में स्थित हरिद्वर को हरि यानि श्री हरि विष्णु जी का द्वारा माना जाता है। सनातन धर्म से जुड़े ग्रंथों में इसे गंगा द्वार तथा मायापुरी क्षेत्र कहा जाता है। तो वहीं कहा जाता है कि पौराणिक काल के कई प्रसिद्ध और चमत्कारिक स्थान वर्तमान में यहां स्थित है। इन्हीं में से तीन हैं माता के 3 चमत्कारिरक स्थान, मायादेवी शक्तिपीठ, दूसरा चंडी देवी मंदिर और तीसरा मनसा देवी मंदिर।

आज हम आपको बताने जा रहे हैं चंडी देवी मंदिर के बारे में-
कहा जाता है हरिद्वार शहर में शक्ति त्रिकोण है, जिसके एक कोने पर नीलपर्वत पर स्थित भगवती देवी चंडी का प्रसिद्ध मंदिर है, तो दूसरे स्था पर दक्षेश्वर स्थान वाली माता पार्वती। धार्मिक कथाएं प्रचलित हैं यहीं पर देवी सती योग अग्नि में भस्म हुई थीं और पहाड़ी के तीसरे कोने पर बिल्वपर्वतवासिनी मनसा देवी विराजमान हैं। इससे जुड़ी मान्यता ये भी है कि यहां पर माता सती का मन गिरा था जिस कारण इस स्थान को मनसा देवी के नाम से जाना जाता है।

बता दें चंडी देवी मंदिर गंगा नदी के दूसरी ओर नील पर्वत पर स्थित है, जिसका निर्माण कश्मीर के राजा सुचेत सिंह द्वारा 1929 ई. में करवाया गया था। मंदिर से संबंधित किवदंतियों की मानें तो चंडी देवी ने शुंभ निशुंभ के सेनापती चंड और मुंड को यही मारा था। तो वहीं इसी स्थान पर आदिशंकराचार्य ने चंडी देवी की मूल प्रतिमा स्थापित करवाई थी।

कथा के अनुसार चंड मुंड के वध के बाद देवी माता ने समस्त देवताओं से वर मांगने को कहा। जिस पर स्वर्गलोक के सभी देवताओं ने माता को इसी स्थान पर विराजमान होने का वर मांगा। बताया जाता है मां रुद्र चंडी यहां एक खंभे के रूप में स्वयंभू अवतरित हैं। हरिद्वार के प्रमुख पांच तीर्थों में मां चंडी देवी मंदिर को मुख्य माना जाता है।


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Content Writer

Jyoti

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