सूर्य ग्रहण के 15 दिन बाद लग रहा है चंद्र ग्रहण, जानिए भारत में क्या रहेगा इसका असर?

Thursday, May 12, 2022 - 01:16 PM (IST)

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हिंदू धर्म में जिस तरह व्रत-त्यौहार का महत्व है, उसी तरह इसमें ग्रहण आदि को भी विशेष महत्व दिया जाता है। धार्मिक व ज्योतिष शास्त्रों में किए वर्णन के अनुसार ग्रहण चाहे सूर्य हो या चंद्र ग्रहण, प्रत्येक ग्रहण का मानव जीवन पर बहुत गहरा असर पड़ता है। किन्हीं हालातों में कुछ राशियों को शुभ प्रभाव देता है तो किन्हीं राशियों के लिए अशुभ प्रभाव लेकर आता है। इसलिए ग्रहण लगने से पहले कुछ नियमों का पालन करना अनिवार्य माना जाता है। आपको बता दें इस साल का पहला चंद्र ग्रहण 16 मई दिन सोमवार को लगने जा रहे है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन वैसाख पूर्णिमा भी है। तो आइए जानते हैं इस ग्रहण का असर, ग्रहण का सूतक काल और ये ग्रहण कहां-कहां लगेगा-

सबसे पहले आपको बता दें,16 मई को ये चंद्र ग्रहण प्रातः काल 07 बजकर 02 मिनट से दोपहर 12 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। ज्योतिष के अनुसार 16 मई का 2022 का ये चंद्रग्रहण खग्रास चंद्र ग्रहण होगा। बता दें,ये ग्रहण वृश्चिक राशि में लगने के कारण इसका असर विभिन्न राशियों पर पड़ेगा। इस ग्रहण से वृश्चिक राशि में कई परिवर्तन आएंगे।

बताते चलें साल का पहला चंद्र ग्रहण कहां कहां लगेगा। 16 मई को लगने वाले चंद्र ग्रहण का दृश्य दक्षिणी-पश्चिमी यूरोप, दक्षिणी-पश्चिमी एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका के अधिकांश हिस्सों, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, अटलांटिक और अंटार्कटिका आदि देशों में पूर्ण रूप से दिखाई देगा। जबकि भारत की बात करें तो यहां चंद्र ग्रहण नजर न आने के कारण इसका सूतक काल नहीं माना जाएगा इस ग्रहण का सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। इसलिए वैशाख पूर्णिमा के पूजा पाठ आदि किसी भी समय मुहूर्त अनुसार किए जा सकते हैं।

बताते चलें, जब भी पृथ्वी और चंद्रमा के बीच सूर्य आता है तो तब ही चंद्र ग्रहण लगता है। ये माना जाता है कि जब भी पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक दूसरे के समानांतर पर आ जाते हैं। तो ही ग्रहण होता है, चंद्र ग्रहण आंशिक या पूर्ण दो रूपो में होता है। बता दें कि चंद्र ग्रहण पूर्ण हो तो 2 घंटे तक का भी समय लग सकता है और रात्रि के समय इसको साफ देखा जा सकता है। चंद्र ग्रहण से आंखों को ढकने या किसी तरह की सुरक्षा रखने की चिंता नहीं होती है।

धर्म ग्रंथों के अनुसार चंद्रग्रहण का सूतक 9 घंटे पूर्व से माना जाता है। सूतक से जुड़े नियम वहीं मान्य होंगे, जहां ये चंद्रग्रहण दिखाई देगा। चंद्रग्रहण का सूतक 15 मई की रात 10:58 से शुरू होगा और ग्रहण समाप्त होते ही सूतक काल भी खत्म हो जाएगा। हिंदू धर्म ग्रंथों में सूतक काल को अशुभ समय माना जाता है यानी ग्रहण का प्रभाव सूतक काल से शुरू हो जाता है। इस दौरान कई काम करने की मनाही होती है। हालांकि भारत में इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा लेकिन कई हिस्सों में इसका असर देखने को मिलेगा।

Jyoti

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