चाणक्य नीति- राजा का बाहुबल ही उसकी सबसे बड़ी ताकत

Thursday, Jan 18, 2018 - 05:41 PM (IST)

प्रत्येक व्यक्ति में कुछ विशेषताएं जरूर होती हैं। जिनसे वे अपने कार्य सिद्ध करने की क्षमता रखते हैं। आचार्य चाणक्य नें अपनी एक नीति में 3 व्यक्तियों राजा, ब्राह्मण और स्त्री की सबसे बड़ी ताकत के बारे में बताया है। 

 

आचार्य चाणक्य कहते है-
बाहुवीर्यबलं राज्ञो ब्राह्मणो ब्रह्मविद् बली।
रूप-यौवन-माधुर्यं स्त्रीणां बलमनुत्तमम्।।

 

राजा की ताकत होती है बाहुबल
आचार्य के अनुसार किसी भी एक राजा की सबसे बड़ी शक्ति उसका स्वयं का बाहुबल है। वैसे तो किसी भी राजा के अधीन उसकी सेना, मंत्री और अन्य राजा रहते हैं लेकिन उसका स्वयं का ताकतवर होना भी जरूरी है। यदि कोई राजा स्वयं शक्तिहीन हो तो वह किसी पर राज नहीं कर सकता। राजा जितना शक्तिशाली होगा उतना ही उसके शासक के लिए अच्छा रहता है। इसलिए यह जरूरी है कि राजा बाहुबल से भी शक्तिशाली हो।

 

ब्राह्मण की ताकत होती है ज्ञान
किसी भी ब्राह्मण की सर्वस्व शक्ति उसका ज्ञान होता है। ब्राह्मण जितना ज्ञानी होगा वह उतना ही अधिक सम्मान प्राप्त करता है। ईश्वर और जीवन से संबंधित ज्ञान ही किसी भी ब्राह्मण की सबसे बड़ी शक्ति हो सकता है।

 

स्त्रियों की ताकत है उनका सौंदर्य और मीठी वाणी
आचार्य चाणक्य कहते हैं किसी भी स्त्री का सौंदर्य और यौवन ही उसकी सबसे बड़ी शक्ति होती है। यदि कोई स्त्री सुंदर नहीं है लेकिन मधुर व्यवहार वाली है तो भी उसे जीवन में कभी भी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता। मधुर व्यवहार से ही स्त्री मान-सम्मान प्राप्त करती हैं।

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