चाणक्य नीति: ऐसे व्यक्तियों का कभी न दें साथ

Monday, Jan 27, 2020 - 04:19 PM (IST)

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चाणक्य ने अपने जीवन काल में ऐसी बहुत सी नीतियों की रचना की है, जिसे कि अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन में उतार ले तो उसका भाग्य खुल जाता है और उसका जीवन कठिनाईयों को झेलने के लिए सक्षम हो जाता है। आचार्य ने लोगों को सफल होने के लिे बहुत से सुत्रों के बारे में बताया है। उसके साथ ही उन्होंने कुछ ऐसे लोगों के बारे में बताया जिनसे व्यक्ति को दूरी बनाकर रखनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने एक ऐसी बात के बारे में बताया है कि किस तरह के व्यक्ति के साथ कैसा आचरण करना चाहिए यानि उसके साथ किस तरह का बर्ताव करना चाहिए। आइए जानते हैं इसी के बारे में विस्तार से-

श्लोक- मूर्खेषु मूर्खवत कथ्येत्।
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अर्थ : मूर्ख से मूर्खों जैसी ही भाषा बोलें।

भावार्थ : मूर्ख व्यक्ति के साथ सहृदयता अथवा सज्जनता दिखाना व्यर्थ होता है। मूर्ख व्यक्ति सद्व्यवहार का उत्तर सद्व्यवहार से देना नहीं जानते। उनसे उन्हीं की भाषा में जब बात की जाती है तभी वे ठीक रहते हैं। कहा भी है 'शठं शाठ्यम् समाचरेत्-  मूर्ख से मूर्खों जैसा ही आचरण करो।

Lata

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