किसी का इम्तिहान लेने के लिए ज़रूरी है चाणक्य की ये सीख

Monday, Mar 02, 2020 - 04:46 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में मानव जीवन में होने वाली हर घटना से संबंधित सूत्र बताए हैं। जिन पर अगर अमल किया जाए तो जिस तरह चंद्रगुप्त ने मौर्य वंश पर अपना अधिकार प्राप्त किया था यानि उसे जीत कर उसके सम्राट बन गए थे। ठीक उसी तरह आप भी अपने जीवन में बुलंदियों तक पहुंच सकते हैं। मगर कुछ ऐसे लोग हैं जिन्हे चाणक्य की इन नीतियों के बारे में पता ही नहीं। तो चलिए आज हम आपकी कुछ मदद करते हैं। बताते हैं इनकी एक ऐसी नीति के बारे में जिसके श्लोक द्वारा चाणक्य ने ये बताना चाहा है कि किसी व्यक्तो को परखते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। 

आज के दौर की बात करें तो हर दूसरा इंसान अपने सामने वाला का इम्तिहान लेने के लिए, उसे परखने के लिए हमेशा तैयार रहता है। तो ऐसे में चाणक्य द्वारा बताई इस नीति के बारे में तो सबको पता होना ही चाहिए।

चाणक्य नीति अनुसार किसी व्यक्ति को परखने के लिए उसके कर्मों पर भी ध्यान देने की ज़रूरत होती है। जैसे जो लोग अधार्मिक तरीके से काम करते हैं और धन कमाते हैं, उन पर भरोसा नहीं करना चाहिए। 

वैसे तो चाणक्य की ये नीतियां राजा महाराजाओं के समय की है लेकिन इसे आज के समय में भी काफ़ी कारगर माना जाता है। जानते हैं चाणक्य ने किसी व्यक्ति की परख करने के लिए कौन-कौन से तरीके बताए हैं। 

श्लोक-
यथा चतुर्भि: कनकं परीक्ष्यते निघर्षणं छेदनतापताडनै:। 
तथा चतुर्भि: पुरुषं परीक्ष्यते त्यागेन शीलेन गुणेन कर्मणा।।

चाणक्य नीति के पांचवें अध्याय के इस श्लोक के अनुसार जिस तरह सोने को परखने के लिए सोने को रगड़ा जाता है, काट कर देखा जाता है, फिर आग में तपाया जाता है, उसे पीट कर देखा जाता है, तब जाकर सोने की सही पहचान हो पाती है और अगर सोने में मिलावट होती है तो इन चार कामों से सामने आ जाएगी। ठीक इसी तरह किसी व्यक्ति को परखने के लिए चार बातों का विशेष ध्यान रखने की ज़रूरत पड़ती है। 

त्याग भावना 
जब भी किसी व्यक्ति को परखना हो सबसे पहले ये देखें कि उसे त्याग भावन कितनी है। चाणक्य के अनुसार जो इंसान किसी के सुख के लिए अपने सुखों का त्याग कर देता है उस पर बहुत सरलता से भरोसा किया जा सकता है। 

चरित्र
प्रत्येक व्यक्ति काे चरित्र का अच्छा होना बहुत ज़रूरी है। अर्थात कि व्यक्ति दूसरों के बारे में गलत अपने मन में गलत भाव तो नहीं रखता। जिसका मन और चरित्र साफ़ होता है उस व्यक्ति पर भरोसा करना कभी हानिकारक नहीं होता। 

गुण
कुछ लोगों में अधिक क्रोध, आलस्य, स्वार्थ, घमंड, झूठ बालने जैसे अवगुण होते हैं। ऐसे लोगों पर विश्वास करना कभी लाभकारी नहीं साबित होता। इसलिए किसी को परखते समय इस बात की ओर ज़रूर ध्यान दें कि व्यक्ति का शांत स्वभाव और हमेशा सच बोलने वाले हो क्योंकि ऐसे इंसान को श्रेष्ठ माना जाता है।

कर्म 
जो लोग अधार्मिक तरीके से अपने कार्यों को संपन्न करते हैं, गलत तरीके से धन कमाते हैं। उन पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसे लोग हमेशा केवल अपना सोचते हैं। और खुद के स्वार्थ के लिए किसी को भी धोखा दे सकते हैं। 

Jyoti

Advertising