Married Life  को बेरंग कर देती हैं ये बातें, पति-पत्नी को रखना चाहिए ध्यान

Sunday, Aug 14, 2022 - 12:09 PM (IST)

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रिश्ते... जिसकी मानव जीवन में बहुत अहमियत मानी जाती है। इन रिश्तों की सूची में कई तरह के रिश्ते शामिल होते हैं पर इनमें से जिन रिश्तों को सबसे खास माना जाता है वो मां बाप, भाई बहन व पति पत्नी का रिश्ता। कहा जाता है ये रिश्ते दुनिया के सबसे मजबूत रिश्ते होते हैं, जो न केवल जीते जी बल्कि मरते दम तक साथ निभाते हैं। आज हम बात करने जा रहे हैं पति पत्नी के रिश्ते से जुड़ी खास बातों के बारे में। कहा जाता है हर व्यक्ति के जीवन में अगर अपने मां बाप व भाई बहन के बाद अगर कोई रिश्ता सबसे ज्यादा अहमियत रखता है वो रिश्ता और कोई नहीं बल्कि पति पत्नी का रिश्ता ही होता है। 

इस रिश्ते की अपनी ही एक खूबसूरती होती है, इस रिश्ते में बंधने वाला हर इंसान यही कामना करता है कि कभी इसमें किसी प्रकार की गलतफहमियां पैदा न हो, बल्कि ये दिन भर दिन और निखरे। परंतु अगर किसी की शादीशुदा जिंदगी में किसी तरह की परेशानियां आ रही हैं तो उन्हें चाणक्य नीति को अपनाना चाहिए। जी हां, आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति सूत्र में दांपत्य जीवन को खुशहाल बनाने के कई तरह के सूत्र बताए हैं। तो आज हम आपने इस आर्टिकल में चाणक्य द्वारा बताई गई कुछ ऐसी ही बातें बताने जा रहे हैं जो दांपत्य जीवन में जहर घोलने का काम करते हैं। तो आईए बिना देर किए हुए जानते हैं क्या है वो बातें जिनके बार में चाणक्य कहते हैं कि एक सुखी और खुशहाल शादीशुदा जीवन में इन बातों को नहीं आने जेना चाहिए क्योंकि ये बातें किसी जहर से कम नहीं मानी जाती है और धीरे धीरे रिश्ते को खोखला कर देती हैं।

आचार्य चाणक्य ने अपने नीति सूत्र में बताया है कि पति-पत्नी के रिश्ते में कभी भी शक को पैदा नहीं होने देना चाहिए क्योंकि शक किसी रिश्ते को भी मजबूत नहीं रहने देता, बल्कि ये पति-पत्नी के रिश्ते को कमजोर करने में सबसे अधिक भूमिका निभाता है। कहा जाता है जिस किसी के रिश्ते में शक पैदा हो जाता है, वो धीरे धीरे गलतफहमियों के शिकार होते हैं जिससे आपसी दूरियां बढ़ जाती है और अंत में शक एक जहर बनकर रिश्ते को बर्बाद कर देता है। अतः चाणक्य कहते हैं कि पति-पत्नी के रिश्ते मे परिपक्वता होनी बेहद जरूरी है, केवल एक दूसरे पर अटूट विश्वास ही इस जहर को पति पत्नी के रिश्ते में घुलने से रोक सकता है। 

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आगे चाणक्य कहते हैं कि जिस विवाहित दंपत्ति के बीच अंहकार होता है कि उस रिश्ते को पूरी तरह से नष्ट कर देता है। इसलिए पति पत्नी दोनों को अपने रिश्ते में किसी भी कीमत पर अपने बीच अहम या अंहकार की दीवार को नहीं लाना चाहिए। इस रिश्ते में केवल प्यार की जगह होनी चाहिए। इसमें अहंकार का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। 
 

इस रिश्ते को खुशहाल बनाने के लिए इसमें किसी भी हालात में झूठ को शामिल नहीं करना चाहिए। चाणक्य के अनुसार पति पत्नी के रिश्ते को कमजोर बनाने में सबसे बड़ा हाथ झूठ का ही होती है। धार्मिक शास्त्रों में इस रिश्ते को पावन बताया गया है कि इसलिए इसे बचाने के लिए या किसी भी और मकसद के लिए झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिए, बल्कि हमेशा समझदारी और तालमेल से हर परिस्थिति का सामना करना चाहिए। 

सबसे जरूरी और आखिरी बात चाणक्य ने अपने नीति सूत्रमें ये बताई है कि दांपत्य जीवन में पति-पत्नी दोनों को इस रिश्ते का लिहाज़ रखते हुए एक दूसरे का एक समान आदर और सम्मान करना चाहिए। चाणक्य के अनुसार किसी भी रिश्ते को मजबूत और लंबा बनाने का सबसे सटीक फार्मूला यही माना जाता है। जब इस रिश्ते में किसी एक की भी तरफ से सम्मान की कमी होने लगती है तो ये रिश्ता बेरंग सा होने लगता है, और प्यार की जगह दूरियां बढ़नें लगती है। अतः एक दूसरे का एक समान सम्मान करना चाहिए। 
 

Jyoti

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