चाणक्य नीतिः ''प्रिय वचन'' बोलने वाले के शत्रु नहीं होते

Sunday, Aug 28, 2022 - 10:11 AM (IST)

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प्रत्येक बच्चे को उसक माता-पिता द्वारा संस्कार प्रदान किए जाते हैं। जिसमें बड़ों के साथ किस लहजे में बात करनी चाहिए, कैसे उनका आदर सम्मान करना चाहिए जैसी तमाम बातें शामिल होती हैं। परंतु बात करें वर्तमान समय की तो आज कल की पीढ़ी न केवल अुने संस्कारों को भूली है, बल्कि वह अपने माता-पिता का आदर तक करना भूल चुकी। इतना ही नहीं क्रोध के आवेश में आकर संतान कभी कभी माता-पिता या अपने बड़ों से कुछ ऐसी बातें कह देते हैं जो उन्हें जीवन भर दुख देती हैं। इस संदर्भ में आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति सूत्र में एक श्लोक दिया है, जिसके अनुसार इंसान को  कुछ भी कहने से पहले सोच विचार जरूर कर लेना चाहिए। क्योंकि कहा जाता है मुख से निकली बात कभी वापिस नहीं ली जाती। इससे जुड़ा एक कथन भी प्रसिद्ध है जो इस प्रकार है 'तीर से निकला बाण और मुख से निकले शब्द कभी वापस नहीं आते'। इसका अर्थ है कुछ भी बोलने से पहले उस बारे में अच्छे से सोच-विचार तथा नापतौल कर बोलना लेना चाहिए। कभी-कभी अपने मुख से निकले शब्द ही खुद पर उल्टे पड़ जाते हैं। इसके अलावा इस बात का भी ख्याल रखें कि बोलते वक्त इस बात का ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि हमारे शब्दों से किसी के दिल को ठेस न पहुंचे और कोई आपकी वाणी से आहत न हो। विद्वान आचार्य चाणक्य ने भी इस बारे में अपने नीतियों के द्वारा हमें कईं दफा प्रेरित किया है। उनकी बातों से मार्गदशन पाकर मनुष्य जीवन सफल हो जाता है। तो आईए उनके द्वारा बताई गई कुछ प्रेरक बातों से आपको सबको रूबरू करवाते हैं-



चाणक्य नीति श्लोक
प्रियवादिनो न शत्रु:।

'प्रिय वचन' बोलने वाले के शत्रु नहीं होते
भावार्थ: जो सबसे सद्भावनापूर्ण व्यवहार करता है, मीठी वाणी बोलता है, उसका कोई शत्रु नहीं होता। किसी से अच्छे तरीके से बात करने से सामने वाला व्यक्ति भी सम्मान देकर ही बात करेगा। अगर आपका व्यवहार अच्छा होगा तो जीवन में कभी ठोकर नहीं खाएंगे और न ही कभी कोई आपकी निंदा करेगा।

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चाणक्य नीति श्लोक
नास्त्यॢथनो गौरवम्।

जो मांगता है, उसका कोई ‘गौरव’ नहीं होता
भावार्थ: याचना करने वाले व्यक्ति की नजर सदैव नीचे झुकी रहती है। ऐसे व्यक्ति को कोई सम्मान की दृष्टि से नहीं देखता। जो मनुष्य हर वक्त कटु वचन बोलता है उसका कभी कोई देस्त नहीं बनता और उन्हें जीवन में हमेशा अकेला रहना पड़ता है। कई बार तो घर वाले भी साथ देना छाड़ देते हैं। इसलि कहा जाता है हमेशा अच्छा व सत्य वचन बोलें।

Jyoti

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