इस लत के कारण खुशियां मोड़ लेती हैं मुंह, जानना चाहते हैं क्या है ये आदत?

Tuesday, May 17, 2022 - 03:01 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
वर्तमान समय की बात करें तो प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में आगे बढ़ना का इच्छुक है, ,समाज में मान-सम्मान पाना चाहता है, एक अलग रुतबा कमाना चाहता है। कुछ लोग तो इसके लिए हर तरह प्रयास परिश्रम करता तो वहीं कुछ लोग इस सब की चाहत में गलत राह चुन लेते हैं। कुछ लोग अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए झूठ व धोखे का सहारा लेते हैं। परंतु आगे चलकर यही लोग अपने जीवन में परेशानियां पाते हैं। इसका कारण इनका एक झूठ नहीं, बल्कि उस एक झूठ को छिपाने के लिए बोले गए अन्य 100 झूठ होते हैं। शास्त्रों की मानें तो झूठ किसी भी व्यक्ति को केवल कुछ पल की खुशी प्रदान कर सकता है। परंतु अगर सत्य बोलने की हिम्मत की जाए तो इंसान न केवल जीवन में सफल होता है बल्कि समाज में एक अच्छा मान प्राप्त करता है। 

इस संदर्भ में आचार्य का एक श्लोक भी है जो इस प्रकार होता है- 
दृष्टिपूतं न्यसेत्पादं वस्त्रपूतं जलं पिबेत्, 
सत्यपूतां वदेद्वाचं मनः पूतं समाचरेत्॥

आचार्य चाणक्य भी यही कहते हैं कि झूठ बोलने वाला व्यक्ति एक बार को चाहे समाज में मान प्राप्त कर लेता है, परंतु उसका ये सम्मान कभी स्थिर नहीं हो पाता। दूसरों की नजर में अपनी अच्छी छवी बनाने के लिए व्यक्ति अलग-अलग तरह के झूठ बोल सकता है। जिससे कोई वह कुछ समय के लिए खुद को मुसीबतों से बचा पाने में कामयाब हो जाता है, परंतु जब सत्य सामने आता है तो वो समाज में किसी भी प्रकार की इज्जत के हकदार नहीं रह जाते। 

आचार्य चाणक्य इसके अलावा कहते हैं कि झूठ कभी न कभी सामने आता ही है चाहे आप उसे उसे छुपाने की जितनी कोशिश कर ली जाए, वह छिप नहीं सकता, एक न एक दिन सबके सामने आता ही है। 

कुछ लोग किसी प्रकार के डर के चलते झूठ बोलते हैं। झूठ का साथ लेकर ज्यादा समय तक टिका नहीं जा सकता। इतना ही नहीं कभी-कभी दूसरों की खुशी के लिए भी झूठ का सहारा लिया जाता है परंतु झूठ के पकड़े जाने का भय हमेशा मन में रहता है।  

अपने नीति सूत्र में चाणक्य ने बताया है कि  दिमाग का स्वभाव ही ऐसा है कि आप इससे कुछ भी मनवा सकते हैं। यह दिमाग की खूबसूरती भी है और यही इसका खतरा भी। यह खुद अपनी एक दुनिया बना लेता है। अगर यह काम सोच समझ कर किया जाए तो यह दुनिया बड़ी खूबसूरत होगी और अगर आप इसके जाल में फंस गए तो यह बहुत बूरी भी होगी। मगर जब हम झूठ के जाल में फंस जाते हैं तो हमारा दिमाग भी सही गलत की पहचान भूल जाता है। 

तो वहीं ये भी बताया जाता है कि झूठ बोलने का एक और सबसे बुरा प्रभाव ये है कि कई हद तक इसका असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। अतः झूठ बोलने से परहेज करना चाहिए। झूठ बोलने की लत न केवल नुकसान पहुंचाती है बल्कि परिवार के बीच दूरियां भी पैदा करती है, जिसका परिणाम ये होता है कि खुशियां मुंह मोड़ लेती हैं। 

Jyoti

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