Chanakya Niti: इन सुखों को भोगने वाले व्यक्ति के लिए ये धरती ही स्वर्ग के समान है

Thursday, May 05, 2022 - 06:52 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ 
स्वर्ग में जाने का सपना दुनिया का हर व्यक्ति रखता है, इसका कारण है इससे जुड़ी मान्यताएं व किंवदंतियां जो समाज में अत्यंत प्रचलित है। इसलिए  हर व्यक्ति यही कामना रखता है कि मृत्यु के बाद उसे स्वर्ग की प्राप्ति हो। परंतु अब ये जानना तो मानव इंसान के बस में नहीं है कि मौत के बाद उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति होगी या नहीं। इसलिए ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे सुखों के बारे में जिन्हें भोगने वाला व्यक्ति धरती पर ही स्वर्ग के नजारे लेता है। जी हां, नीति शास्त्र में कुछ ऐसे सुखों के बारे में जानकारी दी गई है, जिन्हें भोगने वाला व्यक्ति धरती पर ही स्वर्ग की प्राप्ति कर लेता है। तो चलिए जानते हैं आचार्य चाणक्य की नीति के माध्यम से कौन से हैं धरती के ये सुख-

आचार्य चाणक्य के अनुसार जिस पिता की संतान उसकी आज्ञाकारी हो, कहा जाता है उस पिता के लिए धरती पर ही स्वर्ग बन जाता है। जिस पिता की संतान उसका ध्यान रखने वाली हो, उचित आदर और सम्मान प्रदान करती हो, ऐसे पिता को अति भाग्यशाली माना जाता है। चाणक्य कहते हैं पिता का जीवन सुखों से भर जाता है। ऐसे पिता के मान-सम्मान में भी वृद्धि होती है, तथा समाज में इज्जत बढ़ती है। 

चाणक्य कहते हैं वो व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली होता है जिसे पत्नी का पूर्ण सहयोग प्राप्त होता है। चाणक्य नीति के मुताबिक पति और पत्नी जीवन रूप रथ के दो पहिए होते हैं। पत्नी, पति को समझने वाली हो, विपत्ति के समय छाया की तरह साथ खड़ी रहे, उचित मार्गदशर्न करें और हौसला प्रदान करे तो ऐसी पत्नी योग्य कहलाती है। जिस व्यक्ति के पास योग्य पत्नी होती है उसके लिए धरती पर ही स्वर्ग है। कहा जाता है कि कुशल और बुद्धिमान पत्नी, पति की सफलता में विशेष भूमिका निभाती है। चाणक्य ने अपने नीति सूत्र में वर्णन किया गया है कि पत्नी की पहचान हमेशा संकट के समय ही होती है। 

आगे चाणक्य कहते हैं जिस व्यक्ति के पास संतोष है, उसे दुख कम घेरते हैं। दुख का सबसे बड़ा कारण लोभ है। जो व्यक्ति लोभ से दूर रहता है और अपने धन पर संतोष करता है, उसके लिए इस धरती पर ही स्वर्ग है। धन के लोभ के कारण व्यक्ति अपना सुख और चैन त्याग देते हैं। जिस कारण जीवन में जटिलताएं और परेशानियां जन्म लेती हैं। ये सभी चीजें व्यक्ति के मन और मस्तिष्क को भी प्रभावित करती हैं।

Jyoti

Advertising