इन कारणों के चलते आती है दोेस्ती और रिश्तेदार में दरार!

Friday, Jun 11, 2021 - 04:17 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
वर्तमान समय में लोगों के अंदर धैर्य की कमी तथा क्रोध की अग्नि अधिक पाई जाती है। जिस कारण लोग कई बार अपने जीवन के अहम रिश्तों को खो देते हैं। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति सूत्र में इस से संबंधित खास जानकारी दी है। इसमें उन्होंने बताया है कि मनुष्य के जीवन में रिश्तों में दरार केवल अधिकतर क्रोध के कारण नहीं बल्कि अन्य तीन कारणों के चलते भी आती है। तो आइए जानते हैं चाणक्य द्वारा बताई गई तीन बातों के बारे में जिसमें उन्होंने दोस्ती और रिश्तों में खट्टास आने का कारण बताया है।   

संबंधों के बीच न आने दें लालच
चाणक्य कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति को अपने जीवन के संबंधों में लोभ या लालच को स्थान नहीं देना चाहिए। क्योंकि जो लोग लोभी होते हैं, वह हर कार्य में अपने स्वार्थ देखते हैं। स्वार्थी व्यक्ति सदैव अपने हितों को लेकर गंभीर रहता है, उसे किसी अन्य व्यक्ति के हित-अहित से फर्क नहीं पड़ता। चाणक्य के अनुसार ऐसे लोग समय आने पर ऐसे लोगों को अपयश का सामना करना पड़ता है, क्योंकि जब ऐसे लोगों की सच्चाई समाने आती हैं तो, ऐसे लोगों को शर्मिंदा भी होना पड़ता है। इसलिए अपने जीवन के खास संबंधों के बीच कभी लोभ या लालच को न आने दें। 

सुख और दुख में दें साथ 
चाणक्य नीति के मुताबिक सच्चा मित्र और सच्चा रिश्तेदार वही होता है जो जीवन के हर सुख और दुख में साथ खड़ा रहता है। जो लोग दुख, संकट या परेशानी आने पर साथ छोड़ जाते हैं ऐसे लोग न तो अच्छे मित्र होते हैं और न ही रिश्तेदार। चाणक्य कहते हैं ऐसे लोगों से दूरी बना लेनी चाहिए और कभी अपनों का हर हाल में साथ देना चाहिए। 

मर्यादा का उल्लघंन कभी न करें
चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति को अपने जीवन के हर रिश्ते की मर्यादा में रहना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार हर रिश्ते की मर्यादा होती है, जिसे लाघंने का प्रयास कभी नहीं करना चाहिए। जो व्यक्ति इस बात का ध्यान नहीं रखता, उसके रिश्तों में दरार आना लाजमी है। 

आचार्य चाणक्य के नीति सूत्र में किए वर्णन के अनुसार जो लोग जीवन में इन बातों को ध्यान रखता है और रिश्तों को बेहतर ढंग से जीते हैं, इन पर देवी लक्ष्मी की भी असीम कृपा बरसती है। जिससे जीवन में धन से जुड़ी कोई समस्या नहीं आती, साथ ही साथ व्यक्ति हर संकट का सामना करने में सक्षम हो जाता है। 
 

Jyoti

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