चाणक्य से जानें कैसे लें अपनी Insult का बदला

Wednesday, Jan 15, 2020 - 11:34 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
बेइज्जती, एक ऐसा शब्द है जिसे कोई भी अपने जीवन में बर्दाश नहीं करता। यहां तक कि आज कल तो बच्चे भी छोटी-छोटी बात पर अपनी इंनस्लट फील करने लगे हैं। खैर इसका कारण है कि वो अपने आस-पास के बड़े लोगों को एक-दूसरे का अपमान करते देखते सुनते हैं। आज के समय की बात करें तो हर इंसान में अहम है, शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसमें किसी बात को लेकर अंहकार नहीं होगा। इसी गरूर के चलते वो अपने सामने वाले इंसान का अपमान कर देते हैं। अब कुछ लोग इस अपमान को भूल जाते हैं मगर वहीं कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो इस कारण डिप्रेशन में आ जाते हैं जिससे उनके जीवन की दिशा दशा खराब हो जाती है।

एक मिनट ज़रा ठहरिए कहीं आप भी तो इन लोगों की सूची में शामिल नहीं। अगर हां तो आपको बता दें आप अपने इस डिप्रेशन से बाहर निकल सकते हैं। आप सोचेंगे कि बदला लेने का सबसे सही तरीका होगा कि आप भी उस व्यक्ति का अपमान कर दें जिसने आपका अपमान नहीं किया होगा तो आपको बता दें, नहीं। ऐसा करने से शायद आपके दिल को राहत ज़रूर मिल सकती है परंत इससे आपके और उस इंसान में कोई खास फर्क नहीं रह जाएगा।

अगर आप किसी से अपनी बेइज्जती का बदला लेना चाहते हैं तो आपको इसके आचार्य चाणक्य की बातों पर अमल करना चाहिए। इन्होंने अपनी नीतियों में ऐसी बातों का वर्णन किया है, जिससे आप अपने जीवन के बहुत से मुश्किलों पलों में अपने दम पर सफलता हासिल कर सकता है।

तो आइए जानते हैं अपमान से जुड़ी इनकी द्वारा बताई गई नीतियों के बारे में-
मौर्यवंश की स्थापना करने वाले आचार्य चाणक्य का एक बार नंदवंश के राजा धनानंद ने अपमान कर दिया था लेकिन चाणक्य ने अपने गुस्से को किसी के सामने प्रकट नहीं होने दिया। बल्कि अपने गुस्से की अग्नि को अपना हथियार बनाकर चाणक्य ने अपने सभी शत्रुओं का विनाश कर दिया। मगर अब वो तो राजा महाराजाओं का वक्त जब हर राजा अपनी सत्ता स्थापित करने के लिए एक दूसरे पर आक्रमण करते ही रहते थे। लेकिन आज के समय अपमान का बदला लेने के लिए सबसे बेस्ट तरीका अगर कोई है तो वो है चाणक्य की नीतियां-

इनके अनुसार अगर कोई शत्रु आप से ज्यादा शक्तिशाली है तो उसे उसके अनुकूल चलकर, दुष्ट प्रभाव वाले को उसके विरूद्ध चलकर, समान बल वाले शत्रु को विनय और बल से नीचा दिखाया जा सकता है। तो अगर आपका कोई अपमान करता है तो उसे बुरा भला न बोल कर इस नीति का प्रयोग करें।

जब कोई आपका अपमान करें तो उस समय शांत रहें उसे उसकी भाषा में जवाब देने की बजाय उसकी तरफ़ देखकर थोड़ा मुस्करा दें। आप खुद देखेंगे कि इससे सामने वाला खुद को ही अपमानित महसूस करेगा। हिंदू धर्म के शास्त्रों की बात करें तो इनमें भी मौन को सबसे बड़ा हथियार माना गया है। इससे सबसे अच्छी चीज़ जो होती है वो ये कि सामने वाला इससे आपके मन में क्या चल रहा है ये जान नहीं पाता।
 

चाणक्य के अनुसार अच्छा और समझदार इंसान कभी दूसरों का अपमान नहीं करता। जिन लोगों को दूसरो का अपमान करना अच्छा लगता है ऐसा व्यक्ति जीवन में कभी सफल नहीं होता है।

अपने दुश्मन को शत्रु को हराने के लिए सबसे सही तरीका ये है कि उसे अपनी कूटनीति में फसाएं यानि की उसकी शक्तियों या सहयोगियों को उससे दूर करें

Jyoti

Advertising