चाणक्य नीति: जीवन का कौन सा समय होता है सबसे बेशकीमती

Sunday, May 24, 2020 - 04:49 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
कहा जाता है युवावस्था हर किसी के जीवन में अहम पड़ाव माना जाता है क्योंकि इस पड़ाव में ही इंसान को सही गलत की पहचान होती है बल्कि कहा जाता है जो व्यक्ति अपने जीवन के इस समय को समझदारी से व्यतीत करता है उसे भविष्ण में कठिन से कठिन परिस्थिति में से निकलने में ज़रा सी देर नहीं लगती। आज हम आपको आचार्य चाणक्य द्वारा बताई युवावस्था से जुड़ी खास बातें बताएंगे जिसके बारे में हर किसी को पता होना चाहिए। चाणक्य का मानना है कि अगर इन बातों को पल्ले बांध लिया जाए तो व्यक्ति कभी सही मार्ग से नहीं भटकटा। क्योंकि युवावस्था अधिक महत्वपूर्ण होती है। युवावास्था में व्यक्ति को ये चयन करना होता है कि उसने कैसा जीवन यापन करना है। इस उम्र में व्यक्ति को सजग और सतर्क रहना चाहिए। तो चलिए जानते हैं इन बातों के बारे में- 

कैसे संगत में रहें
युवावस्था में एक अच्छी संगत के साथ रहना बहुत ज़रूरी होता है। कहा जाता है अगर संगत अच्छी होगी तो जीवन में सफलता अवश्य मिलती है। आचार्य चाणक्य की मानें तो अच्छी संगत से जीवन को नई दिशाा मिलती है और वहीं अगर बुरी संगत का साथ मिल जाए तो भविष्य बर्बाद हो जाता है।

नशे से दूर रहें
युवावस्था एक ऐसी अवस्था होती है जब व्यक्ति गलत चीज़ों से जल्दी प्रभावित होता है। तो अगर इस उम्र में गलत आदतें लग जाए तो जीवन भर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। क्योंकि गलत आदतें लग आसानी से जाती हैं, परंतु इन्हें छोड़ना काफी मुश्किल होता है। 

सेहत का ध्यान रखना चाहिए
चाणक्य बताते हैं युवावस्था का समय शरीर को तराशने का होता है, इस उम्र में आप शरीर को जैसा बनाना चाहेंगे वैसा आपका शरीर बन जाएगा।

Jyoti

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