चाणक्य नीति: इन तीनों से बनाकर रखें उचित दूरी, होगा फायदा

Monday, May 29, 2017 - 12:23 PM (IST)

अर्थशास्त्र अौर राजनीति के पितामाह आचार्य चाणक्य ने अपने जीवन से प्राप्त अनुभवों का संकलन किया था, जिसे दुनिया चाणक्य नीति के नाम से जानती है। इन नीतियों पर अमल करके व्यक्ति खुशहाल जीवन यापन कर सकता है। आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में राजा, अग्नि तथा स्त्रियों से बर्ताव के बारे में बताया है।

अत्यासन्ना विनाशाय दूरस्था न फलप्रदा:।
सेवितव्यं मध्याभागेन राजा बहिर्गुरू: स्त्रियं:।।


भावार्थ:किसी भी आदमी को राजा, आग तथा स्त्रियों से न तो दूर रहना चाहिए और न ही इनके अधिक पास जाना चाहिए। राजा किसी भी देश का प्रमुख होता है, उससे दूर रहने पर सम्मान, नौकरी तथा धन नहीं मिलता जबकि अधिक पास जाने पर अपमान, कैद या अन्य तरह का डर रहता है।

इसी तरह अग्नि से अधिक दूरी होने पर न तो खाना पकाया जा सकता है, न ही कोई अन्य लाभ उठाया जा सकता है। परन्तु अग्नि के नजदीक जाते ही आग से हाथ जल जाता है। 

स्त्री के अधिक निकट जाने से उसकी ईर्ष्या का तथा अधिक दूर जाने पर उसकी घृणा तथा निरपेक्षता का शिकार होना पड़ता है। इसलिए इन तीनों से सदैव एक सुरक्षित दूरी बनाकर रखनी चाहिए ताकि व्यक्ति को सदैव फायदा होता रहे।


 

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