चाणक्य नीति: धर्म और काम के प्रति होता है धनवान व्यक्ति का झुकाव

Monday, Apr 03, 2017 - 04:58 PM (IST)

आचार्य चाणक्य भारतीय इतिहास के महान नामों में से एक है। आचार्य चाणक्य एक बड़े दूरदर्शी विद्वान थे। चाणक्य जैसे बुद्धिमान, रणनीतिज्ञ, चरित्रवान व राष्ट्रहित के प्रति समर्पित भाव वाले व्यक्ति भारत के इतिहास में ढूंढने से भी बहुत कम मिलते हैं। आज भी पूरा विश्व उनके दिखाए मार्ग का अनुसरण करता है। आचार्य चाणक्य एक महान दार्शनिक ,पुजारी और मौर्य साम्राज्य के राजनितिक मार्गदर्शक थे। उन्होंने मौर्य साम्राज्य की नीवं रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। चाणक्य के अनुसार धनवान व्यक्ति धर्म अौर काम में अपने धन का प्रयोग करता है। 

अर्थमूलौ धर्मकामौ।

भावार्थ:
धनवान व्यक्ति का झुकाव या तो धर्म के प्रति होता है या फिर काम (भौतिक सुख-ऐश्वर्य) के प्रति। वह अपने धन का सदुपयोग करने के लिए धर्म की ओर आकर्षित होता है और बुरी संगत में पड़कर धन का दुरुपयोग करता है और भौतिक सुख की खोज नष्ट हो जाने वाली चीजों में करता है।

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