चाणक्य नीति:इन कार्यों में न करें शर्म, भविष्य में हो सकता है नुक्सान

Friday, Mar 03, 2017 - 11:52 AM (IST)

राजनीति अौर अर्थशास्त्र के पितामाह आचार्य चाणक्य ने जीवन से संबंधित बहुत सारी नीतियां बनाई हैं। जिन पर अमल करने से व्यक्ति खुशहाल जीवन यापन कर सकता है। इन नीतियों में कई रहस्य छिपे हुए हैं, जिनसे हमारे सुख और दुख की भी जानकारी प्राप्त हो जाती है। आचार्य चाणक्य ने एक नीति में ऐसे तीन कामों के बारे में बताया है जिन्हें करने में हमें शर्म नहीं करना चाहिए। जो लोग इन कामों में शर्म करते हैं, उन्हें भविष्य में नुक्सान का सामना करना पड़ता है। 

 

धनधान्यप्रयोगेषु विद्वासंग्रहणे तथा।
आहारे व्यवहारे च त्यक्तलज्ज: सुखी भवेत्।।

 

जो लोग धन से संबंधित कार्यों में शर्म करते हैं उन्हें धन हानि का सामना करना पड़ता है। किसी व्यक्ति को उधार दिया गया पैसा वापस लेना है और हम शर्म के कारण उससे पैसा मांग नहीं पा रहे हैं तो यह निश्चित है कि धन हानि होगी। अत: धन संबंधी कार्यों में शर्म नहीं करना चाहिए।

 

जो लोग खाना खाने में शर्म करते हैं उन्हें भूखा रहना पड़ता है। कुछ लोग सगे-संबंधियों के पास जाकर भोजन करते समय शर्म करते हैं जिसके कारण वे भरपेट भोजन नहीं कर पाते अौर भूखे रह जाते हैं। 

 

चाणक्य के अनुसार जो विद्यार्थी ज्ञान प्राप्त करते समय शर्म करता हैं। वह अज्ञानी रह जाता है। इसलिए विद्यार्थियों को पढ़ाई करते समय शर्म नहीं करनी चाहिए। अच्छा विद्यार्थी वहीं है जो बिना शर्म किए गुरु से सभी प्रश्नों के उत्तर प्राप्त करता है। 

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