शत्रु से लड़ने के लिए याद रखें चाणक्य की ये सीख

Sunday, Jan 01, 2017 - 04:15 PM (IST)

भारतीय साहित्य और आम जनमानस में आचार्य चाणक्य की नीतियों का महत्त्वपूर्ण स्थान है। इन्हें अपने जीवन में अपनाकर जीवन को सुखमय एवं सफल बना सकते हैं। उन्हें राजनीति कुशल, कूटनीति में संपन्न, अर्थशास्त्र के विद्वान माना जाता है। उनकी नीतियां जीवन में मुसीबतों से छुटकारा पाने के लिए प्रयोग की जा सकती हैं। आचार्य चाणक्य का जन्म करीब 300 ईसा पूर्व में हुआ माना जाता है। उन्होंने मौर्य साम्राज्य की स्थापना व चन्द्रगुप्त मौर्य को सम्राट बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। पाटलिपुत्र से संबंध होने के कारण उसे इन्होंने अपनी कर्मभूमि बनाया। इनकी नीतियों में उत्तम जीवन का निर्वाह करने के बहुत से रहस्य समाहित हैं, जो आज भी उतने ही कारगर सिद्ध होते हैं। जितने कल थे। चाणक्य के अनुसार शत्रु को कुचलने के लिए दंडनीति बनानी चाहिए।

 

अमित्रो दंडनीत्यामायत्तु:।

 

भावार्थ: राजा को सदैव विरोधियों को कुचलने के लिए अपनी दंडनीति बनानी चाहिए। इससे आंतरिक और बाहरी शत्रु सिर उठाने का साहस नहीं कर पाते।

Niyati Bhandari

Advertising