खुशहाल जीवन के लिए करें आचार्य चाणक्य की इन बातों पर अमल

Thursday, Nov 17, 2016 - 03:58 PM (IST)

चाणक्य महान विद्वानों की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ स्थान रखते हैं। उन्होंने मौर्य साम्राज्य की स्थापना करके अखण्ड भारत का निर्माण किया था। आचार्य चाणक्य एक बड़े दूरदर्शी विद्वान थे। चाणक्य की नीतियों में उत्तम जीवन का निर्वाह करने के बहुत से रहस्य समाहित हैं, जो आज भी उतने ही कारगर सिद्ध होते हैं। जितने कल थे। इन नीतियों को अपने जीवन में अपनाने से बहुत सारी समस्याओं से बचा जा सकता है और साथ ही, उज्जवल भविष्य का निर्माण किया जा सकता है। चाणक्य ने व्यवहारिक जीवन से संबंधित 9 बातों के बारे में बताया है, जिन्हें कभी भूलना नहीं चाहिए।

 

* चाणक्य के अनुसार सुनने से धर्म का ज्ञान होता है अौर द्वेष दूर होता है। इसके साथ ही ज्ञान की प्राप्ति होती है। इससे माया का मोह भी दूर हो जाता है। 

 

* जिस व्यक्ति के पास पैसा होता है उसके कई मित्र अौर संबंधी होते हैं। चाणक्य के अनुसार धनवान व्यक्ति कोे ही आदमी अौर पंड़ित कहा जाता है।

 

* प्रत्येक व्यक्ति को अलग-अलग तरीकों से संतुष्ट किया जा सकता है। लालची आदमी को वस्तु भेंट देकर, कठोर व्यक्ति को हाथ जोड़कर, मूर्ख को सम्मान देकर अौर विद्वान को सच बोलकर संतुष्ट किया जा सकता है। 

 

* एक बेकार राज्य का राजा होने से अच्छा है कि किसी भी राज्य का राजा न हो। इसी प्रकार पापी मित्र होने से अच्छा बिना मित्र के रहना है। मूर्ख गुरु से बेहतर है कि बिना शिष्य वाला हो। ऐसे ही बुरी पत्नी से उत्तम बिना पत्नी रहना है।

 

* व्यक्ति शेर से भी शिक्षा ले सकता है। जिंदादिली और जबरदस्त प्रयास से कार्य करने की सीख व्यक्ति शेर से ले सकता है। 

 

* आचार्य चाणक्य के अनुसार व्यक्ति के बगुले की भांति अपनी इन्द्रियों को वश में रखना चाहिए। व्यक्ति को अपने लक्ष्य को जगह, समय और योग्यता का पूरा ध्यान रखते हुए पूर्ण करना चाहिए।

 

* मुर्गे से भी व्यक्ति चार बातें सीख सकता है। पहली- सही समय पर उठें। दूसरी- निडर बने।  तीसरी- संपत्ति का रिश्तेदारों में उचित बंटवारा करें। चौथी- अपने कष्ट से अपना रोजगार प्राप्त करें। 

 

*  श्वान से भी चार बातें सीखी जा सकती है। पहसी- बहुत भूख होने पर भी कुछ न मिले तो संतोष कर लेना चाहिए। दूसरी- गहरी नींद में हों तो भी शीघ्र उठ जाना चाहिए। तीसरी- अपने स्वामी के प्रति ईमानदारी रखनी चाहिए। चौथी- निडर रहें। 

 

* व्यक्ति गधे से भी तीन बातें सीख सकता है। पहली- अपना बोझा ढोना न छोड़े। दूसरी- सर्दी-गर्मी की चिंता न करें अौर तीसरी- सदैंव संतुष्ट रहें।

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