चाणक्य नीति: अपने ऊपर न होने दें इस बुराई को हावी, खो सकते हैं अपना सब कुछ

Sunday, Nov 13, 2016 - 04:23 PM (IST)

आचार्य चाणक्य का जन्म करीब 300 ईसा पूर्व में हुआ माना जाता है। महान राजनीतिज्ञ अौर कुटनीतिज्ञ होने के साथ-साथ इन्होंने मौर्य साम्राज्य की स्थापना व चन्द्रगुप्त मौर्य को सम्राट बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। पाटलिपुत्र से संबंध होने के कारण उसे इन्होंने अपनी कर्मभूमि बनाया। आचार्य चाणक्य ने अपने जीवन के अनुभवों को चाणक्य नीति के द्वारा लोगों तक पहुंचाया। चाणक्य नीति की ज्यादातर बातें सिर्फ आदर्श से प्रभावित नहीं हैं, उनमें यथार्थ की स्पष्ट झलक है। इन नीतियों का पालन करने से हम कई परेशानियों से बच सकते हैं। चाणक्य के अनुसार जुआ में लिप्त रहने वाला व्यक्ति अपना सब कुछ गंवा देता है। 

 

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि-
नास्ति कार्य द्यूतप्रवृत्तस्य। 

 

भावार्थ: जो राजा जुए में लिप्त रहता है उसके कार्य कभी पूरे नहीं होते। प्रजा और राजकर्मचारी उसकी ओर से उदासीन हो जाते हैं और ऐसा राजा शीघ्र ही श्रीहीन होकर अपना सब कुछ गंवा देता है।

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