Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य से जानें, सेहत के लिए क्या अच्छा है Veg या Non veg

Monday, Aug 24, 2020 - 09:05 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Chanakya Niti: शरीर सुचारु रूप से कार्य करें इसके लिए उसे प्रयाप्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ऊर्जा का मुख्य स्त्रोत है भोजन, जिसके विषय में आचार्य चाणक्य अपनी नीति में बताते हैं कि कौन से खाद्य पदार्थ में कितनी शक्ति होती है ? जिससे शरीर को ताकत मिलती है और किस चीज को खाने से शरीर को कितन फायदा होता है ?


आचार्य चाणक्य अपने श्लोक में कहते हैं कि-
अन्नाद्दशगुणं पिष्टं पिष्टाद्दशगुणं पय:। पयसोथऽष्टगुणं मांसं मांसाद्दशगुणं घृतम्।।


अर्थात-
इस श्लोक का अर्थ है कि खड़े अन्न से दस गुना अधिक बल पिसे हुए आटे में होते हैं। पिसे हुए आटे से भी दस गुना अधिक बल दूध में रहता है। दूध से भी आठ गुना अधिक बल मांस में रहता है और मांस से दस गुना अधिक बल घी में रहता है।


आचार्य चाणक्य कहते हैं कि खड़े अन्न की अपेक्षा पिसे हुए अन्न के आटे में दस गुना अधिक शक्ति होती है। अत: पिसे हुए आटे का ज्यादा से ज्यादा खाने में प्रयोग करना चाहिए। इसके साथ ही अन्न के आटे से भी दस गुना अधिक बल दूध में होता है।

प्रतिदिन दूध पीना स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक लाभदायक रहता है। दूध से भी दस गुना अधिक बल मांस में होता है। जबकि मांस खाने से कहीं अधिक अच्छा है कि खाने में अधिक से अधिक देसी घी का प्रयोग किया जाए। घी में मांस से भी दस गुना अधिक बल रहता है।

घी अधिक पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक होता है।

 

 

 

Niyati Bhandari

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