अपमान का बदला लेना है तो अपनाएं चाणक्य की ये Trick

Friday, Dec 06, 2019 - 05:14 PM (IST)

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अपमान ऐसा शब्द है, जो किसी को स्वीकार नहीं है। बल्कि आज कल तो बच्चे तक छोटी छोटी बात पर अपमानित महसूस करने लगते हैं। क्योंकि आज कल एक दूसरे का अपमान करने का तो ऐसा प्रचलन चल रहा है कि कोई इससमें पीछे नहीं रहता। परंतु आज भी ऐसे कई लोग हैं जो किसी द्वारा किए गए अपमान का बदला नहीं ले पाते। एक मिनट क्या आपका नाम भी ऐसे लोगों में शामिल हैं? अगर हां तो तो घबराईए मत क्योंकि आज आपके लिए लाएं आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई ऐसी बातें जिसमें इन्होंने बताया है कि अपने अपमान का जवाब लेने का सबसे बेस्ट तरीका क्या होता है। चलिए जानते हैं आचार्य चाणक्य के अनुसार क्या है अपमान का बदला लेने सबसे सरल तरीका-

अक्सर आप ने देखा कुछ लोगों अपने अपमान का बदला लेने के आक्रोश में आ जाते हैं और उसी गुस्से में आकर अपनी प्रतिक्रिया दे देते हैं। ऐसा होना एक तरफ़ से स्वाभाविक माना जाता है। परंतु आचार्य चाणक्य का मानना है प्रत्येक व्यक्ति को अपमान का जवाब मौन रहकर करना चाहिए। अब आप में बहुत से लोग होंगे जो सोच रहे होंगे कि भला चुप रहकर किसी से अपमान का बदला कैसे लिया जा सकता है तो आपको बता दें चाणक्य ने अपने हुए अपमान पर मौन रहना ही उचित समझा और कहा है कि बदले की आग को अपने अंदर सजोकर रखना चाहिए।

अनुलोमेन बलिनं प्रतिलोमेन दुर्जनम्।
आत्मतुल्यबलं शत्रु: विनयेन बलेन वा।।

चाणक्य कहते हैं कि अगर कोई शत्रु आप से अधिक शक्तिशाली है तो उसे उसके अनुकूल चल कर, दुष्ट स्वभाव के शत्रु को उसके विरूद्ध चलकर, समान बल वाले शत्रु को विनय और बल से नीचा दिखाया जाता है। इसलिए हमेशा इन बातों का ध्यान रखें।

अगर कोई आपका अपमान करे तो चुप्पी साधे रखें। बजाए उसी की भाषा में उसे जवाब न देने लगे। इसके विपरीत ऐसे लोगों की तरफ़ देखकर मुस्करा दें जिससे वह खुद ही अपमानित महसूस करने लगे। चाणक्य के अनुसार मौन ही इंसान का सबसे बड़ा हथियार होता है जिससे सामने वाला आपकी मंशा बिल्कुल भी समझ नहीं पाता।

चाणक्य के अनुसार बदबू सिर्फ सड़े हुए फूलों से आती है क्योंकि खिले हुए फूल तो हमेशा खुशबू फैलाते हैं। इसी तरह जो व्यक्ति दूसरों का अपमान करता है ऐसे व्यक्ति की सोच बहुत ही छोटी होती है। जिन लोगों को दूसरों का अपमान करना अच्छा लगता है बेहतर होगा ऐसे लोगों से दूरी बनाकर रखें।

Jyoti

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