चाणक्य नीति

Sunday, Oct 18, 2015 - 04:14 PM (IST)

अर्थस्य मूलं राज्यम्
अर्थ का आधार राज्य है ,राज्य की न्याय और नीति व्यवस्था के बिना धन संग्रह करना असंभव है। राज्य की नीतियां हैं, व्यापार और नीतियां ही उद्योगों को बढ़ावा देती हैं जिससे व्यापारी ही नहीं, मजदूर वर्ग भी जीविकोपार्जन के लिए धन संग्रह करता है। जिस राज्य में अव्यवस्था फैली हो, वहां की प्रजा में दरिद्रता और भुखमरी ही होती है इसलिए कहा गया है कि अर्थ (धन) का आधार राज्य है।

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