चाणक्य नीति: इन लोगों की दोस्ती पड़ सकती है आप पर भारी
Wednesday, Jul 03, 2019 - 10:05 AM (IST)
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आचार्य चाणक्य एक महान नीतिकार, राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री माने जाते हैं। चाणक्य ने अपनी कूटनीति के दम पर ही चंद्रगुप्त को मगध का राजा बना दिया था। आचार्य द्वारा बनाई गई नीतियां मानव समाज से जुड़ी हुई हर समस्या का समाधान बताती हैं। उन्होंने अपने अनुभव से जीवन में सफलता प्राप्त करने की कई नीतियां बनाई थी जो आज के समय में भी कारगर साबित होती हैं। आज हम आपको उनकी एक ऐसी नीति के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें बताया है कि हर व्यक्ति को हमेशा हर स्थिति में सावधान रहना चाहिए और लोगों के साथ दोस्ती भी सोच समझकर करनी चाहिए। चाणक्य ने कुछ लोगों से बचकर रहने की बात कही है, तो आइए जानते हैं कौन हैं वो लोग।
श्लोकः
कवय: किं न पश्यन्ति किं न कुर्वन्ति योषित:।
मद्यपा किं न जल्पन्ति किं न खादन्ति वायसा:।।
चाणक्य ने अपनी नीति में लोगों को एक कवि से दोस्ती सोच समझकर करने की सलाह दी है। उनको कहना था कि जैसे कवि के बारे में एक प्रचलित कहावत है, जहां न पहुंचे रवि वहां पहुंचे कवि। इस कहावत का मतलब है कि जहां सूर्य की रोशनी भी न पहुंच सके वहां पर कवि की सोच पहुंच जाती है। अर्थात कवि अपनी कविता के माध्यम से कोई भी बड़ी से बड़ी बात आसानी से कह सकता है।
आचार्य ने शराब में डूबे हुए व्यक्ति से भी दोस्ती करते समय सोच विचार करने की सलाह दी है। क्योंकि जो व्यक्ति हमेशा शराब के नशे में डूबा रहता है वह नशे में सारी मर्यादाएं भूल जाता है। नशे में वह किसी भी व्यक्ति किसी भी तरह का नुकसान पहुंचा सकता है तो ऐसे में उनसे बचकर चलने भी ही भलाई है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार पुरुषों की तुलना देखा जाए तो महिलाओं में काम की भावना बहुत ज्यादा होती है। इस कामुकता के कारण ही महिलाएं कई बार ऐसे काम भी कर देती हैं, जिस बारे में पुरुष सोच भी नहीं सकते।