चाणक्य नीति: मुसीबत के टाइम करें ये एक काम

Friday, Jun 21, 2019 - 11:39 AM (IST)

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हर किसी की लाइफ में एक ऐसा समय आता है, जिसमें उसे किसी न किसी समस्या से जूझना पड़ता है। ऐसे में उसके पास दो रास्ते होते हैं, या तो वह मुसीबत का सामना कर ले या फिर वहां से भाग जाए। लेकिन ये बात व्यक्ति पर निर्भर करती है कि वह अपनी मुश्किल समय का किस प्रकार सामना करेगा। आगे हम आपको बताएंगे कि आचार्य चाणक्य ने किस तरह से मुसीबत से छुटकारा पाने के बारे अपनी नीति में बताया है। तो आइए जानते हैं-

चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य को मुसीबत के समय के लिए धन का संचय करना चाहिए। क्योंकि मुसीबत के समय संचय किया धन ही काम आता है। इसलिए मुसीबत से बचने के लिए मनुष्य को धन की रक्षा करनी चाहिए। चाणक्य कहते हैं कि पत्नी धन से बढ़कर है, इसलिए उसकी रक्षा धन से पहले करनी चाहिए।

चाणक्य के अनुसार खुद की रक्षा होने पर मनुष्य अन्य सब की रक्षा कर सकता है। आचार्य धन के महत्व को बताते हुए कहते हैं कि धन से ही व्यक्ति के अनेक कार्य पूरे होते हैं। परंतु परिवार की भद्र महिला, स्त्री अथवा पत्नी के जीवन सम्मान का प्रश्न आए तो धन की परवाह नहीं करनी चाहिए। चाणक्य के मुताबिक परिवार की मान-मर्यादा से ही व्यक्ति की भी मान-मर्यादा जीवित रहती है।

चाणक्य बताते हैं कि लक्ष्मी तो चंचल होती है। पता नहीं यह कब नष्ट हो जाए। फिर यदि ऐसा हो तो बुरा समय आने पर सब कुछ नष्ट हो सकता है। इसलिए धनवान व्यक्ति को यह नहीं समझना चाहिए कि उस पर विपत्ति आएगी ही नहीं। मुसीबत के समय के लिए कुछ धन अवश्य बचाकर रखना चाहिए।

Lata

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