चैत्र नवरात्रि- यहां हुआ था राक्षस चंड-मुंड का नाश

Tuesday, Apr 09, 2019 - 01:10 PM (IST)

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चैत्र नवरात्रि के शुरू होते ही लोग देवी मंदिरों में भक्तों की बेशुमार भीड़ देखने को मिलती है। कहा जाता है कि देवी के इन सभी मंदिरों के साथ कोई न कोई मान्यता जुड़ी हुई है। आज हम नवरात्रि के इस खास मौके पर देवी के ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां नवरात्रि के दौरान हज़ारों की गिनती में भक्तों का देखा जाता है। आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में-

देव-भूमि हिमाचल प्रदेश को देवताओं के निवास स्थान के रूप में जाना जाता है। कहा जाता है कि पूरे हिमाचल प्रदेश में 2000 से भी ज्यादा मंदिर हैं जिनमें से ज्यादातर प्रमुख आकर्षक का केन्द्र बने हुए हैं। इन्हीं मंदिरों में से एक है यहां का प्रमुख मंदिर जिसे चामुण्डा देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है।

यह हिमाचल प्रदेश राज्य के कांगड़ा जिला में स्थित है। बताया जाता है चामुण्डा देवी मंदिर शक्ति के 51 शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता है कि यहां भूतनाथ भगवान आशुतोष शिव शंकर मृत्यु शव विसर्जन और विनाश का रूप लिए साक्षात देवी चामुंडा के साथ विराजमान हैं।

पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी स्थान पर राक्षस चंड-मुंड देवी दुर्गा से युद्ध करने आए थे। जिसके बाद देवी दुर्गा ने काली रूप धारण कर उनका वध कि था। मान्यता है कि अंबिका की भृकुटी से प्रादुर्भूत काली ने जब चंड-मुंड के सिर को उपहार स्वरूप भेंट किया तो अम्बा ने वर दिया कि आज से तुम संसार में चामुंडा नाम से विख्यात होगी।

बता दें कि मंदिर बड़ा लंबा और दो मंजिला है जिसमें पहले तल पर मां की भव्य मंदिर विराजमान हैं। देवी की मूर्ति के ऊपर एक छोटा शिखर है और शेष छत सपाट ही है। मंदिर के पीछे एक गहरी गुफा में भगवान शंकर मंदिर विराजमान हैं। कहा जाता है कि इस गुफा में एक बार में केवल एक ही भक्त प्रवेश कर पाता है।

मंदिर प्रांगण में एक बड़ा सुंदर सरोवर है जिसमें वाणगंगा से स्वच्छ जल आता रहता है। मंदिर के पुजारियों द्वारा बताया जाता है कि इसमें स्नान करना वर्जित है। इस सरोवर का पानी केवल पूजा-अर्चना के लिए ही इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा इसके आसपास अनेक छोटे-बड़े मंदिर हैं।


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Jyoti

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