Chakravartin Ashoka Samrat Story: सम्राट अशोक से जानें, धन से अधिक महत्वपूर्ण क्या होता है ?
punjabkesari.in Friday, Jul 11, 2025 - 07:01 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Chakravarti Ashoka Samrat Story: सम्राट अशोक का जन्मोत्सव मनाया जा रहा था इसलिए सभी प्रांतों के शासक उत्सव में शामिल होने के लिए पधारे थे।
सम्राट ने घोषणा की, “आज के शुभ अवसर पर सर्वश्रेष्ठ शासक को पुरस्कृत किया जाएगा।” जब राजा ने सभी शासकों से उनके प्रांतों का हाल पूछा तो उत्तरी सीमांत का शासक बोला, “महाराज, इस वर्ष मेरे देश की आय तिगुनी हो गई है।”
इसके बाद दक्षिण के प्रांतपति ने बताया, “इस वर्ष मेरे कोषागार में पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना स्वर्ण एकत्रित हुआ है।”
पूर्व प्रांत के शासक ने सूचना दी, “पूर्वी सीमांत के उपद्रवियों का मैंने सफाया कर दिया है। अब किसी में हिम्मत नहीं कि वह सिर उठाए।”
पश्चिमी प्रांत के शासक ने बड़े गर्व से बताया, “मैंने सारे सेवकों के वेतन घटा दिए हैं। प्रजा पर कर बढ़ा दिए हैं, इससे आय कई गुना बढ़ गई है। अगले वर्ष के लिए आय के नए स्रोत खोजने का विचार है।” इसी प्रकार अन्य शासकों ने भी दोगुनी-तिगुनी आय होने की सूचना दी।
अब बारी मगध के प्रांतीय शासक की थी। उसने विनम्र स्वर में कहा, “महाराज क्षमा करें। इस वर्ष तो मेरे प्रांत में पिछले वर्ष से आधा ही धन जमा हुआ है।”
राजा ने पूछा, “वह क्यों ?”
उसने जवाब दिया, “इस वर्ष राज सेवकों को कुछ सुविधाएं दी गई हैं इससे वे निष्ठा, ईमानदारी और परिश्रम से कार्य करते हैं। मैंने नागरिकों के भी कई कर घटा दिए हैं। वर्ष के अंत तक उनके लिए और भी धर्मशालाएं, चिकित्सालय और पाठशालाएं खोलने का विचार है।”
सम्राट तुरन्त उठ खड़े हुए और बोले, “मेरी इच्छा है कि प्रजा सुखी रहे और उसे सुख-सुविधाएं मिलती रहें। इस कारण सर्वश्रेष्ठ शासक मगध के शासक हैं और पुरस्कार पाने के अधिकारी भी वही हैं।” साथ ही सम्राट अशोक ने अन्य प्रांतों के शासकों से कहा कि उन्हें मगध के शासक से नसीहत लेनी चाहिए।