25 मार्च को आपके घर आ रही हैं देवी दुर्गा, ऐसे करें इनका स्वागत

Wednesday, Mar 04, 2020 - 03:08 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
25 मार्च, 2020 बुधवार से चैत्र मास के नवरात्रि पर्व की शुरूआत होने वाली है। जिसका हिंदू धर्म में अपना अलग ही महत्व है। बता दें नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ 'नौ रातों से है'। लोक मान्यताओं के मुताबिक इन नौ रातों व दस दिनों के दौरान, शक्ति यानि देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। देवी दुर्गा की पूजा का ये त्यौहार वर्ष में कुल 4 बार आता है। जो पौष, चैत्र,आषाढ,अश्विन प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है। नवरात्रि के नौ रातों व दस दिनों के दौरान शक्ति या देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है, यही कारण है कि इन्हें नवदुर्गा कहा जाता है। धार्मिक शास्त्रों में दुर्गा का मतलब जीवन के दुख के हटानेवाली देवी से माना जाता है। तो अब आप ये तो समझ ही गए होंगे कि इस त्यौहार को इन्हीं कारणों को चलते दुनिया के हर हिस्से में धूम-धाम से मनाया जाता है।

तो वहीं इस दौरान देवी दुर्गा की विधिवत पूजा-अर्चना भी की जाती है। मगर बहुत से ऐसे लोग होते हैं जो इस दौरान इनकी आराधना किए जाने वाले नियमों का पालन नहीं करते। जिस कारण उन पर माता मेबरबान नहीं हो पाती और वो इस महापर्व पर देवी दुर्गा की कृपा से वंचित ही रह जाते हैं। हम जानते हैं आप में से बहुत से लोग अब ये जानना चाहेंगे कि ऐसे में क्या करना चाहिए? तो बता दें हम आपके इस जवाब का उत्तर अपने द्वारा दी जाने वाली जानकारी में ज़रूर देंगे।

मान्यता है कि अगर कोई जातक सच्चे व शुद्ध हृदय से निम्न बताई गई बातों पर या नियमों पर अमल करता है तो उसको निश्चित ही माता रानी की कृपा प्राप्त होती है।

नवरात्रि के नौ दिन रोज़ाना सुबह 6 बजे तक स्नान कर लें और शुद्धा वस्त्र धारण करें। अगर संभव हो तो इन 9 दिनों नें नए वस्त्र के कपड़े पहनकर माता दुर्गा की पूजा करें। हर दिन धुले हुए वस्त्रों को ही धारण करें।

संभव हो सके तो इन 9 दिनो में केवल एक ही बार सात्विक भोजन करें।

अगर आप रोज़ाना देवी मां की पूजा कर रहे हैं तो इस बात की ओर खास ध्यान दें कि पूजा के बाद मां को भोग ज़रूर लगाएं वो भी घर में बनी वस्तुओं का। और ऐसा कर पाना संभव न हो तो केवल दूध और फलो का भोग लगा सकते हैं।  

नवरात्रि के दौरान घर के पूजा स्थल या किसी नज़दीक के मंदिर में सुबह-शाम गाय के घी का दीपक जलाएं।

रोज़ाना 7 साल से छोटी दो कन्याओं को फल या अन्य कोई उपहार भेंट करें, ध्यान रहे ऐसा शाम के समय करना अधिक लाभदायक माना जाता है।

नवरात्रि में माता के बीज मंत्रों, चालीसा, आरती, स्त्रोत आदि का पाठ अनिवार्य रूप से जप करें। इसके साथ ही इस बात का भी खास ध्यान रखें कि घर में नौ दिनों तक गाय के घी का अखण्ड दीपक जलता रहे और दुर्गा सप्तशती या देवी माहात्म्य पारायण करें, इससे जीवन में उत्कृष्ट प्रगति, समृद्धि और सफलता मिलती है।

 

 

Jyoti

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