Chaitra Navratri 2022: पूजा करते समय रखें वास्तु से जुड़ी इन बातों का विशेष ध्यान, मिलेगा मनचाहा फल

Friday, Apr 08, 2022 - 05:20 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ 
चैत्र नवरात्रि का पर्व अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है, 08 अप्रैल 2022 को अष्टमी तिथि के बाद 09 अप्रैल को नवमी तिथि है, और 10 को राम नवमी का पर्व मनाया जाएगा। धर्म शास्त्रों में चैत्र नवरात्रों को लेकर काफी जानकारी दी है तो वास्तु शास्त्र में भी इससे जुड़ी जानकारी दी है। इसमें नवरात्रि के प्रथम दिन से लेकर आखिरी दिन तक से जुड़े उपाय आदि बताए हैं। वैसे तो हम आपको नवरात्रि के पूर्व दिनों में ही इस बारे में जानकारी दे चुके हैं,कि इस दौरान वास्तु टिप्स का खास ध्यान रखना चाहिए। परंतु जो लोग इन उपायों को नवरात्रों में नहीं अपना पाए, उनके लिए अभी भी मौका है। जी हां अष्टमी व नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन करने से पहले इनको ध्यान में रखता है तो देवी दुर्गा की अपार कृपा पाई जा सकती है। तो आइए जानते हैं क्या हैं ये उपाय- 

अक्सर देखा जात है लोग अपने घर में पूजा का अलग स्थान बनवाते हैं, जहां बैठकर वे भगवान का ध्यान करते हैं, परंतु कहा जाता है केवल घर में मंदिर आदि के निर्माण से भगवान नहीं मिलते बल्कि मंदिर से जुड़ी बातों का भी ध्यान रखना पड़ता है। बात करें अगर नवरात्रों की तो, इस समय तो मंदिर की शुद्धता का ध्यान रखना आवश्य हो जाता है । तो चलिए अष्टमी-नवमी से पहले आप भी जान लीजिए कि इस दौरान मंदिर को कैसे शुद्ध रखना चाहिए। 

नवरात्रि के दौरान मंदिर के आस-पास और मंदिर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। वैसे तो हर समय साफ-सफाई होना चाहिए लेकिन नवरात्रि में इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए। यदि पूरे नवरात्रि के दौरान रोज मंदिर की पूरी तरह से साफ-सफाई न कर पाएं तो कम से कम अष्टमी-नवमी के दिन जरूर करें। कहा जाता है देवी मां गंदगी के साथ रहने वालों पर कभी खुश नहीं होती हैं, मान्यता ये भी है कि ऐसे लोगों के घर में कभी बरकत नहीं होती है। अतः मंदिर व घर में मुख्य रूप से साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए।

नवरात्रि में अपने घर के मंदिर में पूजा करते हैं तो ध्यान रखें कि वहां विधि-विधान से ही पूजा करें। कहा जाता है अगर विधि विधान से पूजा न की जाए तो हमारी पूजा साधना निष्फल हो जाती है। अचः अपनी पूजा सफल करने के लिए घर के मंदिर में वास्तु शास्त्र के अनुसार की सामान रखें तथा विधि विधान से पूजा करनी चाहिए, ताकि पूजा आराधना निष्फल न हो और घर में सुख शांति व संपदा की वृद्धि हो। 

घर के मंदिर में कोई भी टूटी हुई या खंडित मूर्ति न रखें। असल में कुछ लोग भावनाओं के चलते अपनी आस्था के कारण मूर्ति टूट जाने पर उसे मंदिर में रखकर पूजा करते हैं। परंतु शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि ऐसी मूर्तियों की पूजा करने से फल नहीं मिलता है। तो वहीं कुछ प्रचलित मान्यताओं के अनुसार मिट्टी की मूर्ति की पूजा निषेध होती है। 

ऐसा कहा जाता है कि धर्म शास्त्रों में ऐसा उल्लेख किया गया है कि किसी शुभ अवसर पर मिट्टी की मूर्ति की पूजा करने के बाद उसे विसर्जित करना चाहिए या फिर किसी पीपल के पेड़ के नीचे रख सकते हैं। वास्तु के अनुसार भी इन मूर्तियों की पूजा सिर्फ एक ही बार की जा सकती है। तो वहीं बात की जाए घर की तो यहां हमेशा साफ-सुथरी व बिना टूटी प्रतिमा रखकर ही उनकी पूजा आराधना करनी चाहिए। इससे आराध्य प्रसन्न होकर मनचाहा फल प्रदान करते हैं।

Jyoti

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