अगर करेंगे इस स्तुति का गान, मां अंबा देंगी खुशियां अपार

Thursday, Mar 26, 2020 - 10:40 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
चैत्र नवरात्रि का पर्व शुरू होते ही हर कोई सब काम छोड़कर मां को प्रसन्न करने में झुट जाता है। क्योंकि कहा जाता है इन दिनों में मां अपने भक्तों के प्रति किए गए छोटे से छोटे प्रयासों से जल्द ही प्रसन्न हो जाती हैं। यही कारण है प्रत्येक व्यक्ति की यही कोशिश होती है कि उससे देवी भगवती को प्रसन्न करने का कोई भी मौका न छूटें। ज्योतिषी भी इस दौरान मां की पूजा करने के कई विभिन्न तरह के उपाय आदि बताते हैं। तो वहीं धार्मिक शास्त्रों की बात करें तो इसमें मां को खुश करने के ऐसे कई मंत्र स्तुति आदि का उल्लेख किया गया है। यकीनन आप समझ गए होंगे कि हम आपको कोई ऐसे ही मंत्र आदि के बारे में बताने जा रहे हैं। जिनका जाप आपको कई तरह के लाभ दिला सकता है। तो अगर आप भी माता की कृपा पाना चाहते हैं तो इस चैत्र नवरात्रि सुबह-शाम पूजा अर्चना के बाद निम्न बताई जाने वाली स्तुति का श्रद्धापूर्वक पाठ करें।

मां दुर्गा के इस महाआरती से होगा आपके सभी दुखों का खात्मा-
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी तुम को निस दिन ध्यावत

मैयाजी को निस दिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवजी ।

ॐ जय अम्बे गौरी...॥

मांग सिन्दूर विराजत टीको मृग मद को । मैया टीको मृगमद को ।।

उज्ज्वल से दो नैना चन्द्रवदन नीको ।।

ॐ जय अम्बे गौरी...॥

कनक समान कलेवर रक्ताम्बर साजे । मैया रक्ताम्बर साजे ।।

रक्त पुष्प गले माला कण्ठ हार साजे ।।

ॐ जय अम्बे गौरी...॥

केहरि वाहन राजत खड्ग कृपाण धारी । मैया खड्ग कृपाण धारी ।।

सुर नर मुनि जन सेवत तिनके दुख हारी ।।

ॐ जय अम्बे गौरी

कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती । मैया नासाग्रे मोती ।।

कोटिक चन्द्र दिवाकर सम राजत ज्योति ।।

ॐ जय अम्बे गौरी...॥

शम्भु निशम्भु बिडारे महिषासुर घाती । मैया महिषासुर घाती ।।

धूम्र विलोचन नैना निशदिन मदमाती ।।

ॐ जय अम्बे गौरी...॥

चण्ड – मुण्ड संहारे, शौणित बीज हरे । मैया शौणित बीज हरे ।।

मधु – कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ।।

ॐ जय अम्बे गौरी...॥

ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी । मैया तुम कमला रानी ।।

आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी ।।

ॐ जय अम्बे गौरी...॥

चौंसठ योगिनी गावत, नृत्य करत भैरु । मैया नृत्य करत भैरू ।।

बाजत ताल मृदंगा, अरु बाजत डमरू ।।

ॐ जय अम्बे गौरी...॥

तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता । मैया तुम ही हो भरता ।।

भक्तन की दुःख हरता, सुख सम्पत्ति करता ।।

ॐ जय अम्बे गौरी...॥

भुजा चार अति शोभित, वरमुद्रा धारी । मैया वर मुद्रा धारी ।।

मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी ।।

ॐ जय अम्बे गौरी...॥

कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती । मैया अगर कपूर बाती ।।

श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति ।।

ॐ जय अम्बे गौरी...॥

अम्बे जी की आरती, जो कोई नर गावे । मैया जो कोई नर गावे ।।

कहत शिवानन्द स्वामी, सुख – सम्पत्ति पावे ।।

ॐ जय अम्बे गौरी...॥

इसके अलाना मां के इस वंदना मंत्र का उच्चारण ज़रूर करें, इससे आपको हर तरह की तकलीफ़ से राहत मिलेगी।

।। मां दुर्गा की वंदाना ।।
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
 

Jyoti

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