Chaitra Navratri Kalash Sthapana: चैत्र नवरात्रि पर एक साथ बन रहे हैं कई शुभ संयोग, जानें किस मुहूर्त में करें कलश स्थापना

Saturday, Apr 06, 2024 - 06:59 AM (IST)

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Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा करने का बहुत महत्व है। इस दिन का मां के भक्तों को बहुत ही बेसब्री से इंतजार रहता है। चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिंदू नव वर्ष की शुरुआत होती है और उसी दिन से शक्ति उपासना का त्योहार चैत्र नवरात्रि भी शुरू हो जाता है। चैत्र नवरात्रि का आरंभ 8 अप्रैल से हो रहा है। माना जाता है कि इस दिन माता की पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से मन की हर मुराद पूरी होती है। साथ ही जीवन में आने वाले हर कष्ट से छुटकारा मिलता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

These auspicious coincidences are happening on Chaitra Navratri चैत्र नवरात्र पर बन रहे हैं ये शुभ संयोग
इस बार चैत्र नवरात्र पर एक नहीं कई शुभ संयोग बन रहे हैं। नवरात्र के पहले दिन अभिजीत मुहूर्त के साथ सर्वार्थसिद्धि और अमृत सिद्धि योग का शुभ संयोग बन रहा है। प्रातः 7 बजकर 35 मिनट के बाद पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग रहेगा। इसके साथ ही अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 3 मिनट से 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। इस बार कई शुभ संयोग के साथ चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है।  



Auspicious time for establishing Kalash कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को सुबह 6 बजकर 11 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 23 मिनट तक कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त बन रहा है।

Method of establishing Kalash कलश स्थापना की विधि
चैत्र नवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और साफ वस्त्र धारण करें।
इसके बाद घर के मंदिर को साफ करके फूलों से सजा दें।
फिर कलश स्थापना के लिए मिट्टी के एक कलश में पान के पत्ते, सुपारी और पानी भर के रख दें।
इसके बाद लाल कपड़े के ऊपर चावल के ढेर बना लें और कलश स्थापित कर दें।
कलश स्थापित करने के बाद कलश पर कलावा बांधें और उसके ऊपर स्वास्तिक बना लें।
फिर एक मिट्टी के बर्तन में जौ मिलाकर थोड़ा पानी छिड़क कर उसे स्थापित कर दें।
अंत में मां दुर्गा की प्रतिमा रख दें और उनकी पूजा करें।  

 

 

Niyati Bhandari

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