Chaitra Navratri Akhand Jyoti : नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने से होती है मनोकामना पूरी, इन नियमों को न करें नजरअंदाज

Tuesday, Apr 09, 2024 - 06:46 AM (IST)

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Chaitra Navratri Akhand Jyoti 2024: नवरात्रि के पावन त्योहार पर मां की पूजा, मां का श्रृंगार व व्रत किया जाता है लेकिन सभी व्रतों में नवरात्रि के पर्व पर एक अलग परंपरा है, वो है मां की अखंड ज्योति। मां दुर्गा का आर्शीवाद पाने के लिए अखंड ज्योति प्रज्वलित करने का खास महत्व है।नवरात्रि शुरू होने के पहले दिन ही कलश स्थापित होने के बाद ज्योति जलाई जाती है और अपने मन में देवी के प्रति समर्पण और भक्ति को दर्शाया जाता है। बता दें, अखंड ज्योति को नवरात्रि में प्रज्वलित करने के अपने नियम होते हैं जैसे कि नौ दिन तक बिना बुझे ज्योति जलाना। कहते हैं जो भी भक्त अपने घर में पूरे 9 दिन तक अखंड ज्योति रखता है और इसमें कामयाब होता है। उसकी सारी मनोकामनाएं माता रानी पूरी कर देती हैं और ऐसे इंसान के पास धन-दौलत की कमी नहीं रहती, साथ ही घर में सुख- शांति और संपन्नता आती है। अगर ये बुझ जाए तो इसे अपशगुण माना जाता है। बताते चलें, घर में अखंड ज्योति जलाने से पहले व दौरान कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना भी ज़रूरी होता है। अगर आप भी इस नवरात्रि घर में अखंड ज्योति जलाने वाले हैं तो इससे जुड़े नियम ज़रूर जान लें।


मान्‍यता है कि अगर भक्त संकल्प लेकर नवरात्रि में अखंड ज्योति प्रज्वलित करें और उसे पूरी भावना और मन से जलाए रखें तो देवी प्रसन्न होती हैं और उसकी सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण करती हैं। देवी भागवत पुराण के अनुसार नवरात्रि की अखंड ज्योति के सामने जप करने से फल हजार गुणा ज्यादा बढ़ जाता है।

ध्यान रखें, अखंड ज्योति को कभी आप जमीन पर न रखें। इसके बजाय आप इसे किसी लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर रख सकते हैं। इस बात का भी ध्यान रखें कि ज्योति को रखने से पहले इसके नीचे अष्टदल बना हो।

अखंड ज्योति को गंदे हाथों से बिल्कुल भी छूना नहीं चाहिए।

अखंड ज्योति रखने के दौरान घर को अकेला न छोड़ें।

इसके अलावा ज्योति की ओर कभी भी पीठ न करें।

अखंड ज्योति जलाने के लिए शुद्ध देसी घी का इस्तेमाल करना चाहिए। देसी घी न हो तो आप तिल का तेल या सरसों का तेल भी प्रयोग में ला सकते हैं।

अगर किसी वजह से आप घर में अखंड ज्योति की देखभाल नहीं कर पा रहे हैं तो आप किसी मंदिर में देसी घी अखंड ज्योति के लिए दान कर दें।

अखंड ज्योति के लिए रूई की जगह कलावे का इस्तेमाल करना चाहिए।

बताते चलें, कलावे की लंबाई इतनी हो कि ज्योति नौ दिनों तक बिना बुझे जलती रहे।

अखंड ज्योति जलाते समय मां दुर्गा, शिव और गणेश को ध्‍यान करें।  ‘‘ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु‍ते’’  मंत्र का जाप करें।

अखंड ज्योति को देवी मां के दाईं ओर रखें।

अगर दीपक में सरसों का तेल है तो देवी के बाईं ओर रखें।

सबसे ज़रूरी बात, नवरात्रि समाप्त होने पर इसे स्वयं ही समाप्त होने दें कभी भी बुझाने का प्रयास न करें।

अगर आप भी इस नवरात्रि अपने घर में अखंड ज्योति जला रहें हैं तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें।

Niyati Bhandari

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