नवरात्रों के दौरान अगर कर दी ये भूल तो...

Tuesday, Mar 24, 2020 - 03:26 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
25 मार्च को चैत्र मास की शुरूआत के साथ ही चैत्र माह के नवरात्रि भी आरंभ हो जाएंगे। हिंदू धर्म का  त्यौहार माता की आराधना का मुख्य त्यौहार माना जाता है। नवरात्रि के नौ के नौ दिन हर कोई मां की भक्ति नें लीन दिखाई देता है। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान मां की साधना सिद्ध हो जाती है यानि जो भी मां से मांगा जाता है अवश्य मिलता है। मगर कयोंकि आज कल कोरोना वायरस सारी दुनिया पर छाया हुआ है इसलिए कुछ ऐसे लोग हैं जिन्हें ये रग रहा है कि अगर वो घर मं रहककर मां की पूजा करेंगे तो उन्हें मां का भरपूर आशीर्वाद नहीं मिलेगा। तो बता दें ऐसा बिल्कुल नहीं है। धार्मिक शास्त्रों में भी ये वर्णन मिलता है कि पूजा चाहे कहीं भी बैठकर की जाए बस मन में मां के प्रति शुद्ध भाव और सच्चाई होनी आवश्यक है। इससे मां का भरपूर आशीष मिलता है।

इससे ये स्पष्ट होता है कि कोरोना वायरस के चलते मंदिरों के कपाट बंद हो जाने से मां तक पहुंचने के रास्ते बंद नहीं हुए हैं। कहने का भाव ये नही है कि आप मां को प्रसन्न करने के लिए किसी और तरह का कोई गलत रास्त चुनें। बल्कि आप अपने घर में बैठ कर ही मां को खुश कर सकते हैं।

आइए जानते हैं कैसे-
इतना तो सब जानते ही हैं कि हिंदू धर्म में पूजा अर्चना का कितना महत्व है। इसमें प्रत्येक देवी-देवता को मनाने के लिए हर संभवत तरीके से इनकी पूजा की जाती है। कल ये यानि 25 मार्च से जो सिलसिला ज़ोरों-शोरो से शुरू होने वाला है। हर कोई देवी भगवती को मनाता हुआ नज़र आएगा। मगर उनमें से कुछ ऐसे भी लोग होंगे जो एक छोटी सी गलती के चलते अपने पूजा अधूरी कर देंगे। बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें इस बार में जानकारी प्राप्त नहीं होगी।

दरअसल कुछ लोग अपने ओर से तो विधि विधान से पूजा तो कर लेते हैं मगर आख़िर में इस दौरान की जाने वाली आरती करना भूल जाते हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आरती के समय परिवार के सदस्यों का एकजुट होना शुभ माना जाता है। जिससे परिवार के लोगों में सकारात्मकता आती है और उनमें एकता बढ़ती है। कहा ये भी जाता है कि कि आरती करने से पूजा के दौरान जाने-अनजाने में हुईं श्रुटियां माफ़ हो जाती हैं। आरती के बाद ही कोई पूजा पूर्ण मानी जाती है।
 

बता दें कि सामान्य तौर पर पांच बत्तियों से आरती की जाती है। इसे पंचप्रदीप कहा जाता है। कई बार आरती के दौरान एक, सात या उससे भी अधिक बत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है। कपूर से आरती करने का भी काफी प्रचलन है। अभी की बात करें तो फिलहाल कोरोना वायरस से छुटकारे के लिए कपूर का उपयोग काफी लाभदायक माना जा रहा है। इन सबके बीच घी के दीपक से आरती करने के विशेष लाभ बताए गए हैं।

इसके अलावा आरती करते समय आरती की थाली को दाईं से बाईं ओर घुमाने चाहिए। अर्थात ऐसे घुमाना चाहिए, जिससे ॐ का आकार बनता हो।

 

Jyoti

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