Chaitra Navratri 2020: मां महागौरी देंगी मनचाहे वरदान, करें ये उपाय

Wednesday, Apr 01, 2020 - 07:01 AM (IST)

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नवदुर्गा के आठवें रूप को महागौरी कहा जाता है। महागौरी का अर्थ है वह रूप जो सुंदर और दिव्यमान है। अगर हम ध्यान से देखें तो पाते हैं कि प्रकृति के दो चरम रूप हैं। इन रूपों में से एक कालरात्रि है जो सबसे अधिक भयानक और विनाशकारी है और दूसरी ओर हम महागौरी को देखते हैं जोकि मातृ देवी का सबसे सुंदर और निर्मल रूप है। महागौरी के तेज से संपूर्ण विश्व प्रकाशमय है। इनकी शक्ति अमोघ फलदायिनी है। दुर्गा सप्तशती के अनुसार देवी महागौरी के अंश से कौशिकी का जन्म हुआ जिसने शुंभ-निशुंभ का अंत किया। महागौरी की साधना उन लोगों हेतु सर्वश्रेष्ठ है जिनकी आजीविका का संबंध शेयर मार्केट, क्लार्क, पुलिस व सिक्योरिटी सर्विसेज से है। महागौरी की अराधना से रोगों का नाश होता है, दांपत्य सुखी रेहता है व दुर्घटनाओं से सुरक्षा मिलती है।

मां महागौरी देंगी मनचाहे वरदान, करें ये उपाय
देवी का अष्टम स्वरूप महागौरी का है जिसे श्री दुर्गा अष्टमी भी कहा जाता है, जिनके वैवाहिक संबंध ठीक न होने के कारण टूट रहे हैं, उन्हें महागौरी की अवश्य पूजा करनी चाहिए।

इसी तरह से बॉलीवुड या ग्लैमर की दुनिया में जाने के इच्छुक युवक-युवतियों को भी महागौरी की उपासना करने से मन वांछित फल मिलते हैं।
 
दुर्गा अष्टमी की रात में अपने घर के मुख्य दरवाजे पर गाय के घी का एक दीपक जलाने से सारे दुर्भाग्य दूर हो जाते हैं। संभव हो तो रात में किसी प्राचीन दुर्गा मंदिर में जाकर देवी मां के चरणों में 8 कमल के फूल चढ़ाने से माता रानी प्रसन्न होती है।

अष्टमी की रात को अपने घर में या दुर्गा मंदिर में दुर्गाष्टमी का पाठ करने से घर में सदैव सुख-शांति का माहौल बना रहता है।

अष्टमी की रात में देवी के मंदिर में चुपके से माता रानी के सोलह शृंगार की सामग्री भेेंट करने से समस्त बाधाएं दूर हो जाती हैं।

शक्ति की देवी मां दुर्गा को सबसे प्रिय है पुष्प है गुड़हल। लाल रंग का यह फूल हनुमान जी और मंगल ग्रह की शांति में भी कारगर होता है। नवरात्र की अष्टमी के दिन गुड़हल के फूल से पूजा और इसकी माला दुर्गा माता को अर्पित करने से ग्रहों के विपरीत प्रभाव से बचाव होता है। 

Niyati Bhandari

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