चैत्र नवरात्रि 2020: इस नवरात्रि भूल से न देवी भगवती पर न चढ़ाएं ये फूल वरना...

Friday, Mar 27, 2020 - 02:25 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
चैत्र नवरात्रि का पर्व शुरू होते ही हर जगह मां की आराधना शुरू हो जाती है। चूंकि इस बार कोरोना वायरस से बचने के लिए पूरे देश को लॉकडाऊन कर दिया गया है। जिसके चलते तमाम मंदिर आदि भी बंद कर दिए गए हैं। ताकि यहां लोगों की भीड़ कम हो और इस वायरस को फैलने से रोका जाए। इस सबके चलते कुछ लोग का मानना है कि इस सबके कारण शायद वो माता रानी की कृपा से वंचित रह जाएंगे। मगर आपको बता दें ऐसा नहीं है। जी हां, आप अपने घर पर बैठ कर बड़ी ही सरलता से मां को प्रसन्न कर सकते हैं। न केवल धार्मिक शास्त्रों बल्कि वास्तु शास्त्र में भी मां को प्रसन्न करने के लिए बहुत से उपाय आदि वर्णित है। जिनमें से कुछ के बारे में हम आपको बताने वाले हैं। 

हिंदू धर्म में होने वाली पूजा आदि में फूलों का अधिक महत्व है। इतना तो सब जानते हैं तो बस इसी कड़ी में हम आपको कुछ खास बताने वाले हैं। क्योंकि नवरात्रि चल रहे हैं और हर कोई इन्हें प्रसन्न करने में जुटा है इसलिए हम जो आपको उपाए बताने वालें हैं वो देवी दुर्गा को ही प्रसन्न करने के उपाय हैं। वास्तु शास्त्र के मुताबिक विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा में फूलों के उपयोग का खास ध्यान रखा जाता है।

वास्तु शास्त्र में विभिन्न देवी-देवताओं के कुछ खास किस्म के लकी पैटर्न बताए गए हैं, जो कि फूल, खुशबू और रंग आदि के रूप में देखने को मिलते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए कई भारतीय मनीषियों ने तंत्रसार, मंत्र महोदधि और लघु हारित में वर्णन किया है कि माता दुर्गा को दूब, बेल, हरसिंगार, मदार और तगर नहीं चढ़ाने चाहिए। अगर कोई जातक भूलवश ऐसा करता है तो उसे इसके दुषपरिणामों का सामना करना पड़ता है। 

इसके अलावा इनकी पूजा में कटसरैय्या, नागचंपा और बृहति के पुष्प भी वर्जित माने गए हैं। वास्तु शास्त्र की मानें तो माता रानी के पूजन में चम्पा और कमल को छोड़कर कोई अन्य फूल तो क्या उसकी कली भी नहीं चढ़ानी चाहिए। 

बता दें इसके अलावा श्री हरि विष्णु की बात करें तो इन्हें सफ़ेद और पीले फूल सबसे ज्यादा प्रिय हैं। इनकी पूजा में गलती से भी अक्षत, यानि चावल नहीं चढ़ाने चाहिए। कहा जाता है इससे भगवान विष्णु रुष्ट हो जाते हैं। साथ ही साथ इन्हें मदार और धतूरे के फूल भी नहीं चढ़ाने चाहिए। तो वहीं सूर्य देव, गणपति को और भैरव जी को लाल फूल बेहद पसंद हैं, जबकि भगवान शंकर को सफ़ेद फूल प्रिय हैं। 

Jyoti

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